नई दिल्ली (New Delhi)। पुणे के पोर्श कांड(Pune’s Porsche scandal) में आरोपी को निबंध लिखने(Writing an Essay) की शर्त पर जमानत(Bail) देने वाले अधिकारी रडार (Officer Radar)पर हैं। खबर है कि आदेश की स्क्रूटनी जारी है। इसी बीच जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के सदस्य डॉक्टर एलएन धनावडे का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें वह पत्रकारों के सवालों से भागते हुए नजर आ रहे हैं। खास बात है कि घटना के कुछ घंटों में ही जेजेबी ने नाबालिग आरोपी को जमानत दे दी थी। हालांकि, 22 मई को जमानत रद्द कर दी गई थी और नाबालिग आरोपी को निगरानी केंद्र भेजा गया था।
सवाल पूछा तो चुप्पी साधी
मुंबई तक की तरफ से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक वीडियो शेयर किया गया है। दावा किया जा रहा है कि जिससे सवाल पूछे जा रहे हैं, वह शख्स फैसला सुनाने वाले धनावडे हैं। वीडियो में नजर आ रहा है कि पत्रकार पोर्श कांड से जुड़े फैसले जब अधिकारी से करते हैं, तो वह एकदम चुप्पी साध लेते हैं। इसी बीच वह अपना वाहन शुरू कर निकल जाते हैं।
आदेश की जांच के लिए कमेटी गठित
वीडियो के अनुसार, पत्रकार चलते वाहन में भी लगातार धनावडे से सवाल पूछने की कोशिश करते हैं, लेकिन उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं मिलता। धनावडे जेजेबी के गैर न्यायिक सदस्य हैं। खास बात है कि बोर्ड के तीन सदस्यों के बजाए जमानत आदेश पर सिर्फ उन्होंने ही हस्ताक्षर किए थे। महाराष्ट्र महिला एवं बाल विकास विभाग ने आदेश की जांच के लिए कमेटी गठित की है।
मां की भी भूमिका
मीडिया रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि नाबालिग आरोपी की मां ने अपना ब्लड सैंपल बेटे से बदल दिया था। 19 मई, रविवार को हुई घटना के बाद आरोपी को ससून अस्पताल मेडिकल जांच के लिए लाया गया था, जहां उसका ब्लड सैंपल लिया गया था। खास बात है कि जांच में एल्कोहल का पता नहीं चला था।
इसके बाद अन्य अस्पताल में दूसरे नमूने की DNA जांच कराई गई, तो सामने आया कि ब्लड सैंपल किसी अन्य व्यक्ति का था। फिलहाल, आरोपी के पिता विशाल अग्रवाल और दादा सुरेंद्र अग्रवाल हिरासत में हैं।
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