बस ऑपरेटरों की मनमानी, दो से तीन गुना किराये में बुकिंग
इंदौर। दिवाली मनाने अपने घर आने वालों से ट्रेनें फुल होने लगी हैं। इसका फायदा बस ऑपरेटरों ने उठाना शुरू कर दिया और आज से किराया दो से तीन गुना बढ़ा दिया है। हर साल बस ऑपरेटर मनमानी करते हैं, लेकिन इस पर न तो प्रशासन लगाम लगा पाता है और न ही परिवहन विभाग।
त्योहारी सीजन की शुरुआत हो चुकी है और कोरोना का डर खत्म होने के बाद मुंबई और पुणे जैसे शहर में काम करने वाले जुलाई से अगस्त के बीच चले गए थे, लेकिन अब वे दिवाली मनाने अपने घर लौट रहे हैं। रेलवे ने मुंबई से अवन्तिका और पुणेे से पुणे एक्सप्रेस शुरू कर दी हैं, जो फुल होने लगी हैं। आज और कल की ट्र्रेन छोड़ दी जाए तो दोनों ही ट्रेनों में वेटिंग लिस्ट की स्थिति बन गई है। फिर भी यात्री आरक्षण करवा रहे हैं, ताकि निरस्त होने पर उन्हें सीट मिल जाए। दूसरी ओर दोनों शहरों से बसें संचालित करने वाले बस ऑपरेटरों ने यात्रियों की मजबूरी का फायदा उठाना शुरू कर दिया है और टिकट के दाम दो से तीन गुना कर दिए हैं। बस ऑपरेटरों ने संकेत दिए हैं कि भीड़ बढऩे पर किराया और भी बढ़ाया जा सकता है।
पुणे का किराया भी है ज्यादा
पुणे और उसके आसपास की आईटी कंपनियों में इन्दौर और आसपास के शहरों के युवा बड़ी संख्या में जॉब करते हैं। वे भी दिवाली पर वापस लौटेंगे। इसी का फायदा बस ऑपरेटर उठा रहे हैं। सामान्य दिनों में नॉन-एसी स्लीपर में लगने वाला 500 से 700 रुपए किराया बढ़कर 1500 रुपए तक पहुंच गया है। सभी बस ऑपरेटर बढ़े हुए किराए में ही ऑनलाइन बुकिंग कर रहे हैं। वहीं एसी स्लीपर कोच वाली बसें तो 2500 रुपए तक किराया वसूल रही हैं, जबकि सामान्य दिनों में यह किराया 1 हजार रुपए के आसपास रहता है।
मुंबई से आने का किराया 2 हजार तक पहुंचा
मुंबई से एसी और नॉन-एसी बसें इन्दौर आती हैं। नॉन-एसी का किराया सामान्य दिनों में 500 से 700 रुपए के बीच रहता है, लेकिन अलग-अलग ट्रेवल्स संचालकों ने ये किराया बढ़ाकर 1 हजार रुपए से 1500 रुपए कर दिया है। वहीं एसी स्लीपर बसों का किराया 2 हजार तो कहीं 2 हजार से ज्यादा है, जबकि सामान्य दिनों में यह किराया 1 हजार रुपए के आसपास रहता है। कुछ बस ऑपरेटर तो 2400 रुपए तक किराया वसूल रहे हैं।
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