इंदौर। प्राधिकरण ने नए लैंड पुलिंग एक्ट (land pulling act) के तहत अपनी पुरानी योजनाओं को नए सिरे से टीपीएस (TPS) के तहत घोषित किया है, जिनमें से 5 योजनाओं को शासन ने मंजूरी दे दी और राऊ की योजना को मुख्यमंत्री (Chiefminister) के निर्देश पर निरस्त कर दिया है। लिहाजा इन 5 योजनाओं का हफ्तेभर में ड्राफ्ट प्रकाशित कर दिया जाएगा, ताकि जमीन मालिकों के दावे-आपत्तियों को बुलवारकर उनका निराकरण किया जा सके। वहीं दो अन्य टीपीएस (TPS) योजनाएं जो कि 9 और 10 है, उनका प्रजेंटेशन भी कल शासन के समक्ष प्राधिकरण सीईओ विवेक श्रोत्रिय और नगर नियोजक आरके सिंह ने कर दिया। जल्द ही शासन बायपास और सुपर कॉरिडोर की इन संशोधित योजनाओं को भी मंजूरी दे देगा। टीीएस-6 की जगह टीपीएस-9 घोषित की गई है, जो कि बायपास की योजना है।
प्राधिकरण की कई योजनाएं लैंड पुलिंग एक्ट के दायरे में आने के कारण कुछ समय पूर्व स्वत: ही समाप्त हो गई थी। इसमें बायपास की चर्चित योजना 175 भी शामिल रही, जिसको लेकर शासन ने मंजूरी भी नहीं दी और जमीनें छोडऩे के भी निर्देश दिए। टीपीएस-6 में बायपास की जमीनों को लेकर हुए खेल का भंडाफोड़ पिछले दिनों अग्निबाण ने किया और इसमें शामिल गृह निर्माण संस्थाओं का भी खुलासा हुआ, जिसकी जांच कलेक्टर मनीष सिंह ने शुरू करवाई। पाश्र्वनाथ, कर्तार सहित अन्य गृह निर्माण संस्थाओं की जमीनें भी इस योजना में शामिल रही। वहीं टीपीएस-7 की भी अनुमति शासन ने नहीं दी थी, जिस पर प्राधिकरण बोर्ड ने टीपीएस-10 घोषित की और टीपीएस-6 की जगह टीपीएस-9 को घोषित करना पड़ा। अब इन दोनों योजनाओं का प्रजेंटेशन कल शासन के समक्ष प्राधिकरण ने कर दिया है और अब जल्द ही मंजूरी मिलने की उम्मीद है। वहीं 5 जिन योजनाओं को शासन ने मंजूरी दे दी है
और अभी पिछले दिनों हुई बोर्ड बैठक में भी इन योजनाओं को लेकर निर्णय हो चुका है, उनका ड्राफ्ट अब प्राधिकरण हफ्तेभर में प्रकाशित कर देगा। दरअसल प्राधिकरण के नगर नियोजक आरके सिंह का अचानक जबलपुर तबादला कर दिया था और उसे शासन ने निरस्त भी नहीं किया और उनकी जगह पिछले कई सालों से नियोजन से दूर रहे एनवीडीए में पदस्थ खरे को भेजा गया है। लिहाजा प्राधिकरण अब जल्द से जल्द श्री सिंह के रहते इन 5 योजनाओं के ड्राफ्ट का प्रकाशन करना चाहता है, ताकि इसमें विलंब ना हो। टीपीएस-1, 3, 4, 5 और 8 के ड्राफ्ट प्रकाशन के बाद 30 दिन का समय दावे-आपत्तियों को प्रस्तुत करने के लिए जमीन मालिकों, किसानों के पास रहेगा। लगभग 3200 एकड़ से अधिक जमीनें इन 5 योजनाओं में शामिल है और नए लैंड पुलिंग एक्ट के मुताबिक योजना में शामिल 50 प्रतिशत निजी जमीन बिना विकसित किए उनके मालिकों को सौंप दी जाएगी और शेष 50 प्रतिशत जमीन प्राधिकरण के पास रहेगी, जिसमें से 20 प्रतिशत जमीन का इस्तेमाल प्राधिकरण मास्टर प्लान और योजना में दर्शाई सडक़ों के निर्माण पर करेगा और 10 प्रतिशत जमीन ग्रीन बेल्ट के लिए सुरक्षित रहेगी, तो शेष 20 प्रतिशत जमीन पर प्राधिकरण भूखंड काटकर बेचेगा, ताकि सडक़ निर्माण सहित इन्फ्रास्ट्रक्टर पर खर्च की जाने वाली राशि वसूल की जा सके। टीपीएस-1 में खजराना क्षेत्र की जमीन शामिल है, तो टीपीएस-2 में राऊ, टीपीएस-3 में अरण्ड्या, तलावलीचांदा, मायाखेड़ी, टीपीएस-4 में निपानिया, कनाडिय़ा और टीपीएस-5 में भी कनाडिय़ा की जमीनें शामिल है, जबकि टीपीएस-8 में भौंरासला, शकरखेड़ी, कुमेर्डी और भांग्या के आसपास की जमीनें शामिल की गई है। वहीं टीपीएस-7 की जगह अब सुपर कॉरिडोर की जमीनों पर नई टीपीएस-10 को घोषित किया गया, तो बायपास की टीपीएस-6 की जगह अब टीपीएस-9 को घोषित किया गया है, जिनकी मंजूरी शासन को देना है। प्राधिकरण सीईओ विवेक श्रोत्रिय के मुताबिक अभी जो 5 योजनाओं की शासन और बोर्ड से मंजूरी हो चुकी है अगले एक हफ्ते में उसका ड्राफ्ट प्रकाशित कर दिया जाएगा, ताकि जमीन मालिक, किसान, दावे-आपत्तियां प्रस्तुत कर सकें। 6 माह में प्राधिकरण सुनवाई सहित अन्य प्रक्रिया अंतिम रूप से निष्पादित करेगा।
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