जबलपुर। रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय से डुमना एयरपोर्ट के बीच करीब 10 किलोमीटर फोर लेन सड़क का निर्माण समय पर पूर्ण होना मुमकिन नहीं है। इस सड़क को जून 2023 तक पूरा होना था लेकिन रक्षा मंत्रालय की अनुमति में देरी की वजह से करीब साढ़े चार किलोमीटर मार्ग निर्माण अटका हुआ है। लोक निर्माण विभाग ने रक्षा मंत्रालय से निर्माण के लिए अनुमति मांगी है , कई माह बाद अनुमति तो आई है लेकिन रक्षा मंत्रालय की जो शर्त है उसको लेकर लोक निर्माण विभाग पशोपेश में पड़ गया है। रक्षा मंत्रालय ने सेना क्षेत्र में सड़क बनाने के लिए 54 करोड़ रुपये की मांग रखी है। जबकि सड़क बनानेा का पूरा ठेका ही 69 करोड़ रुपये है। ऐसे में लोक निर्माण विभाग इस संबंध में शासन स्तर से दखल का प्रयास कर रहा है।लोक निर्माण विभाग के कार्यपालन यंत्री शिवेंद्र सिंह ने कहा कि सेना के क्षेत्र में सड़क निर्माण करीब 4.5 किलोमीटर होना है इसके लिए अनुमति नहीं होने की वजह से कार्य प्रारंभ नहीं हो पा रहा था। पिछले दिनों रक्षा मंत्रालय ने मंजूरी दी है लेकिन शर्त के तौर पर इस जमीन की एवज में 54 करोड़ रुपये मांगे हैं। उन्होंने बताया कि सेना के क्षेत्र से बाहर के मार्ग का 90 प्रतिशत बनकर तैयार हो चुका है। सड़क में अब संकेतक और रोड मार्किंग का काम होना शेष है। उन्होंने कहा कि 10 किलोमीटर लंबी सड़क में वन्यजीवों की आवाजाही के लिए 11 अंडरपास बनाए जा रहे हैं। शिवेंद्र सिंह ने बताया कि पहले सड़क को 27 मीटर चौड़ा किया जाना था । इसमें साइकल ट्रेक के अलावा फुटपाथ के लिए भी जगह थी। अब इस सड़क की चौड़ाई कुछ कम कर दी गई है। यह सात-सात मीटर की चौड़ाई वाली फोर लेन सड़क बनी हुई। जिसके बीच में सेंट्रल डिवाइडर होगा। सड़क निर्माण का कार्य जून 2023 तक पूरा होना था अभी जिस गति से काम चल रहा है उससे दिसंबर 2023 के आसपास ही यह कार्य पूरा हो पाएगा।
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