भोपाल। मध्य प्रदेश में उपचुनावों में जनता के बीच जाने वाले नेताओं को इस बार जनता का गुस्सा झेलना पड़ेगा। प्रदेश में एक 26 विधानसभा सीटों पर चुनाव होना है। जिनमें अधिकतर प्रत्यासी पार्टी बदल चुके हैं। चुनाव की आहट के साथ ही जनता ने भी सालों से अधूरी पड़ी मूलभूत समस्याओं की मांगें पूरी करवाने के लिए नेताओं को घेरना शुरू कर दिया है।
दरअसल, वर्षों से विकास के लिए उपेक्षित क्षेत्रों में जनता उपचुनाव को मौके के रूप में देख रही है। इसलिए वह नेताओं पर दबाव बनाने लगी है। खासकर ग्वालियर-चंबल अंचल की सीटों पर जनता को आक्रोश सबसे अधिक देखा जा रहा है। गतदिनों ग्वालियर में कांग्रेस से भाजपा में पहुंचे सिंधिया समर्थक कैबिनेट मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर के विधानसभा क्षेत्र में लोगों ने चुनाव का बहिष्कार कर दिया है। बहोड़ापुर इलाके के रहवासियों ने सड़क सीवर की मांग को लेकर चुनावों के बहिष्कार का फैसला किया है।
शीलनगर बहोड़ापुर रहवासी मदन मोहन शर्मा की मानें तो ग्वालियर विधानसभा क्षेत्र के शीलनगर इलाके में रहने वाले निवासी पिछले पंद्रह सालों से सड़क, पानी, सीवर की समस्याओं को हल करने के लिए जनप्रतिनिधियों से गुहार लगा रहे हैं। प्रशासन और अधिकारियों से तमाम आवेदन देने के बाद भी जब निवासियों की मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल सकी है, तो अब चुनाव से पहले सबने एकमत होकर फैसला लिया है कि अब किसी भी जनप्रतिनिधि को कालोनी में घुसने नहीं दिया जाएगा। शीलनगर रहवासी बॉबी राय ने कहा कि कैबिनेट मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने आठ दिन में सड़क बनाने का वादा किया था, लेकिन उसके बाद एक बार भी नहीं आए। इसलिए आगामी उपचुनावों के दौरान वोट भी नहीं डालने का निर्णय कालोनी वासियों ने लिया है। रहवासियों ने कालोनी के प्रवेश द्वार पर चुनाव बहिष्कार के बैनर और पोस्टर लगवा दिए हैं।
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