नई दिल्ली। फोन की बैटरी खत्म होना आम बात है, वह भी जब हम घर से बाहर होते है। मॉल या शॉपिंग हब पर पब्लिक प्लेस (public place) पर हम चार्जर दिखते ही चार्ज करने लगते है। यह कितना खतरे वाला काम साबित हो सकता है, इसका अंदाजा भी लगाना काफी मुश्किल है। कई बार इन चार्जिंग प्वाइंट्स पर हैकर्स की नजरें बैठाएं होते है। ये आपके फोन का डेटा लीक कर लेते हैं और आपको इसके बारे में पता तक नहीं चलता।
वायरस ( viruses) आने का खतरा
हैकर्स ( hackers) इस यूएसबी की मदद से आपके फोन में वायरस इंस्टॉल कर देते हैं जो फोन तो चार्ज करेगा ही, डाटा भी कॉपी हो जाएगा। हैकर्स इसे अपने मुताबिक बनाते हैं कि उन्हें कितने समय का डाटा चोरी करना है। इसमें कुकीज के जरिए डाटा कॉपी किया जाता है।
इन प्लेसों पर हैकर्स बनाते है शिकार
पब्लिक प्लेस जैसे रेलवे स्टेशन, बस स्टॉप, मॉल आदि पर इस तरह के चार्जिंग प्वाइंट्स अक्सर आपको लगे मिलेंगे। हैकर ऐसे चार्जिंग प्वाइंट्स पर अपना शिकार तलाश करते हैं जहां पर ज्यादा लोग अपना फोन चार्ज करते हैं। इन चार्जिंग प्वाइंट्स पर लगी यूएसबी से अगर आप अपना फोन चार्ज करते हैं तो उसमें मौजूद बैंक एप्स का लॉग इन, फेसबुक, व्हाट्सऐप, ट्विटर, जीमेल समेत यूपीआई एप का पासवर्ड और डाटा हैकर्स के पास चला जाता है। ये यूएसबी आपके फोन का सारा डाटा कॉपी कर लेती है उसके बाद हैकर आपके बैंक अकाउंट को साफ कर देते हैं।
इस तरह सुरक्षित रखे अपना डाटा
इस तरह के हैकर्स का निशाना बनने से बचने के लिए हमेशा पावर बैंक अपने पास रखें या फिर खुद की डेटा केबल का ही इस्तेमाल करें। इमरजेंसी में कभी अगर पब्लिक प्लेस पर फोन जार्च करना पड़े तो मोबाइल को बंद करके अपनी ही केबल से चार्ज करें। फोन को बंद करके चार्ज करने से डेटा ट्रांसफर नहीं हो सकता है।
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