इस्लामाबाद । पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के संस्थापक (PTI Founder) इमरान खान (Imran Khan) और नेता शाह महमूद कुरैशी (Shah Mahmood Qureshi) को साइफर मामले में (In Cipher Case) 10 साल की सजा सुनाई गई (Sentenced to 10 Years) ।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, विशेष अदालत के जज अबुल हसनत जुल्करनैन ने रावलपिंडी की अदियाला जेल में सुनवाई के दौरान सजा की घोषणा की। इससे पहले, मीडियाकर्मियों से बात करते हुए, खान ने कहा कि मुकदमे की गति से पता चलता है कि “मैच पहले से ही तय है”।
रिपोर्ट के अनुसार, खान ने आरोप लगाया कि अमेरिकी सहायक विदेश मंत्री डोनाल्ड लू को बचाने के लिए यह सब किया जा रहा है। उन्होंने सत्ता प्रतिष्ठान से बातचीत करने की इच्छा जताते हुए कहा कि हाल की घटनाओं ने आमचुनाव को बदनाम कर दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि पीटीआई कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी के लिए पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा कि वह उन लोगों के खिलाफ जांच कराने को कहेंगे जो चुनाव प्रचार के लिए नहीं निकले हैं।
पीटीआई संस्थापक ने दावा किया कि पीएमएल (एन) के सबसे बड़े नेता नवाज शरीफ कोर्ट के साथ एक समझौते के तहत पाकिस्तान लौट आए और वह अभी भी प्रधानमंत्री कार्यालय तक पहुंचने के लिए ‘वीगो वाहन’ का इस्तेमाल कर रहे हैं। उन्होंने चुनौती दी कि यदि एक बार अनुमति मिली तो वे अब तक की सबसे बड़ी रैली करेंगे।
रिपोर्ट के अनुसार, खान ने दावा किया कि पूर्व सेना प्रमुख सेवानिवृत्त जनरल कमर जावेद बाजवा विपक्षी नेताओं के लिए एक समझौते की मांग कर रहे थे। उन्होंने कहा कि वह अदालत से जनरल बाजवा, डोनाल्ड लू और सैन्य राजनयिक को गवाह के रूप में बुलाने के लिए कहेंगे।
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