नई दिल्ली। विनेश फोगाट (Vinesh Phogat) के लिए पेरिस ओलंपिक (Paris Olympics.) एक बड़ा झटका लेकर आया है. 100 ग्राम अधिक वजन होने के कारण अयोग्य करार दिए जाने के बाद, जॉइंट सिल्वर मेडल (Joint Silver Medal) के लिए उनकी अपील को भी कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट (CAS) ने खारिज कर दिया है. CAS ने इंटरनेशनल ओलंपिक कमेटी (International Olympic Committee.-IOC) के फैसले को बरकरार रखा है. विनेश ने लगातार तीन मैच जीतकर फाइनल में जगह बनाई थी, लेकिन वजन के कारण उन्हें खेलने से रोका गया था. उन्होंने गोल्ड मेडल मैच खेलने और फिर जॉइंट सिल्वर मेडल की मांग की थी, लेकिन दोनों ही अपीलों को खारिज कर दिया गया
भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) की अध्यक्ष डॉ. पीटी उषा ने इस फैसले पर निराशा व्यक्त की है. उन्होंने कहा कि यह फैसला न केवल विनेश बल्कि पूरे खेल जगत के लिए एक झटका है. विनेश फोगाट ने फाइनल नहीं खेलने के बाद रेसलिंग से संन्यास का ऐलान कर दिया था. अगर वह वापसी नहीं करती हैं तो उनका ओलंपिक में मेडल जीतने का सपना अधूरा ही रह जाएगा।
अब क्या करेंगी विनेश फोगाट?
विनेश को अब मेडल की उम्मीद तो काफी है, लेकिन उनके पास विकल्प मौजूद हैं. विनेश फोगाट के पास अपील का विकल्प मौजूद है. भारतीय ओलंपिक संघ भी लीगल ऑप्शन तलाशने में जुटी हुई है. विनेश के पास स्विस फेडरल सुप्रीम कोर्ट में अपील करने का एक और विकल्प है. लुसाने में स्थित होने के कारण खेल पंचाट न्यायालय के निर्णयों के विरुद्ध स्विस फेडरल सुप्रीम कोर्ट में अपील की जा सकती है और उसे पलटा भी जा सकता है. हालांकि, सफलता की संभावना बहुत कम है. अपील केवल इस आधार पर की जा सकती है कि निष्पक्ष प्रक्रिया का पालन किया गया या नहीं।
विनेश ने किया था उलटफेर
युई सुसाकी के खिलाफ जीत: विनेश का पहला मुकाबला टोक्यो ओलंपिक की गोल्ड मेडलिस्ट युई सुसाकी से था. सुसाकी ने अपने करियर में एक भी मैच नहीं हारा था. लेकिन विनेश ने अपनी तकनीक और आत्मविश्वास से सुसाकी को 3-2 से हराकर सभी को चौंका दिया।
रेसलिंग में वजन का नियम
रेसलिंग में हर पहलवान को अपनी वजन श्रेणी के अनुसार ही मुकाबला खेलना होता है। वजन का ब्योरा मैच से एक दिन पहले जमा करना होता है और खिलाड़ी को मैच के समय निर्धारित वजन के भीतर रहना होता है। अगर कोई खिलाड़ी निर्धारित वजन से अधिक पाया जाता है तो उसे अयोग्य घोषित कर दिया जाता है।
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