कोलकाता । पश्चिम बंगाल में आसन्न विधानसभा चुनाव के दौरान हैदराबाद की पार्टी एआईएमआईएम के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी के साथ गठबंधन करने के लिए हुगली जिले के फुरफुरा शरीफ के पीरजादा अब्बास सिद्दीकी ने आखिरकार नई पार्टी बना ली है। कोलकाता प्रेस क्लब में उन्होंने अपनी पार्टी की आधिकारिक घोषणा की। अपनी पार्टी का नाम उन्होंने ‘इंडियन सेकुलर फ्रंट’ (आईएसएफ) दिया है। पीरजादा सिद्दीकी ने कहा कि नव गठित संगठन राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव में सभी 294 सीटों पर चुनाव लड़ सकता है।
सूफी मजार के प्रमुख सिद्दीकी ने कहा, ‘‘हमने इस पार्टी का गठन यह सुनिश्चित करने के लिए किया है कि संवैधानिक लोकतंत्र की रक्षा हो, सभी को सामाजिक न्याय मिले और हम सभी सम्मान के साथ रहें।’’ उन्होंने कहा, ‘‘आने वाले दिनों में, हम जनता तक पहुंचने के लिए कई कार्यक्रम आयोजित करेंगे।’’
जब उनसे पूछा गया कि नया राजनीतिक संगठन बनाने और चुनाव लड़ने से क्या अल्पसंख्यक वोटों का बंटवारा होगा, जिससे तृणमूल कांग्रेस को नुकसान उठाना पड़ सकता है, सिद्दीकी ने कहा कि सत्तारूढ़ पार्टी की चुनाव संभावनाओं के बारे में चिंता करना उनका काम नहीं है।
तृणमूल कांग्रेस के साथ एक गठबंधन की संभावना के बारे में किये गये सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा को रोकने के लिए राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में सभी को साथ लेकर चलने की जिम्मेदारी ममता बनर्जी की है।’’
उल्लेखनीय है कि इस मजहबी दरगाह के अनुयायियों की संख्या पश्चिम बंगाल में करीब ढाई करोड़ है। असदुद्दीन ओवैसी जब बंगाल आए थे तब सिद्दीकी से मुलाकात की थी और उनके साथ ही गठबंधन कर चुनाव की घोषणा कर गए हैं। अब जबकि अब्बास ने नई पार्टी बना ली है तो माना जा रहा है कि बंगाल के अल्पसंख्यक समुदाय के बीच उनकी गहरी पैठ का नुकसान तृणमूल को और फायदा भाजपा को मिल सकता है। इसका आभास मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पहले से है, इसलिए वह असदुद्दीन ओवैसी को भारतीय जनता पार्टी की बी टीम कहती रही हैं।
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