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    इंदौर-पीथमपुर इकोनॉमिक कॉरिडोर में नकद मुआवजे का प्रावधान खत्म, 50 फीसदी जमीन ही देंगे

  • June 26, 2023

    • किसानों के साथ अधिकांश जमीन मालिक भी लैंड पूलिंग के तहत 50 फीसदी जमीन वापस लेने पर सहमत, शासन जल्द करेगा नोटिफिकेशन… उसके बाद एमपीआईडीसी अधिग्रहण की प्रक्रिया करेगा शुरू

    इंदौर। एमपीआईडीसी द्वारा जो इंदौर-पीथमपुर इकोनॉमिक कॉरिडोर विकसित किया जाना है उसमें जमीन मालिकों की दावे-आपत्तियों को सुनने के बाद शासन को नोटिफिकेशन के बाद प्रस्ताव भिजवा दिया है। अब जल्द ही नोटिफिकेशन होते ही जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। लगभग 1300 हेक्टेयर जमीन पर यह कॉरिडोर निर्मित होगा, जिसमें व्यवसायिक, औद्योगिक और आवासीय गतिविधियों के विकसित भूखंड तैयार किए जाएंगे और लैंड पुलिंग पॉलिसी के तहत जमीन मालिकों को नकद मुआवजे के बदले 50 फीसदी उनकी जमीन वापस लौटा दी जाएगी। कुछ प्रोजेक्टों में एमपीआईडीसी ने 10 फीसदी नकद मुआवजे का प्रावधान भी किया था जो कॉरिडोर के लिए खत्म कर दिया।

    पूर्व में एमपीआईडीसी ने पीथमपुर सेक्टर-7 सहित अपने अन्य कुछ प्रोजेक्टों में 10 प्रतिशत नकद राशि भी जमीन मालिकों को सौंपी है और शेष 90 फीसदी के बदले विकसित भूखंड देना तय किए। मगर इंदौर-पीथमपुर इकोनॉमिक कॉरिडोर में नकद मुआवजा नहीं दिया जाएगा, बल्कि लैंड पुलिंग के तहत 100 फीसदी जमीन अधिग्रहित कर उसमें से 50 फीसदी वापस लौटा दी जाएगी। ये जमीन विकसित भूखंड के रूप में ही होगी। दरअसल अधिकांश किसान और जमीन मालिक नकद मुआवजे के बदले 50 फीसदी विकसित जमीन लेने के ही पक्ष में रहे, जिसके चलते अब यह फार्मूला तय किया गया है।


    एमपीआईडीसी ने पिछले दिनों फाइनल नोटिफिकेशन की तैयारी भी कर ली और लगभग 800 से अधिक प्राप्त आपत्तियों का निराकरण भी सुनवाई के बाद कर दिया। 75 मीटर चौड़े इस कॉरिडोर के दोनों तरफ 300-300 मीटर की जमीनें ली गई है। दो हिस्सों में इस कॉरिडोर का निर्माण होना है, जिसमें एक हिस्सा इंदौर के सुपर कॉरिडोर जंक्शन से पीथमपुर और दूसरा हिस्सा पीथमपुर से एबी रोड की तरफ सिंचा तक बनेगा। दोनों सडक़ों की कुल लम्बाई लगभग साढ़े 19 किलोमीटर रहेगी और इस कॉरिडोर के क्रियान्वयन पर डेढ़ हजार करोड़ तक खर्च होने का अनुमान लगाया गया है। पिछले दिनों इस कॉरिडोर में शामिल 17 गांवों में धड़ल्ले से अवैध कॉलोनाइजेशन के मामले भी सामने आए। लिहाजा कार्यकारी संचालक एमपीआईडीसी प्रतुल्ल सिन्हा ने मौके पर जाकर जेसीबी से इन अवैध निर्माणों को तुड़वाया भी और संबोधितों को नोटिस भी जारी किए। दरअसल इकोनॉमिक कॉरिडोर के चलते आसपास जमीनों के भाव तो बढ़े ही, वहीं अवैध कॉलोनियां भी कटने लगी। डायरी, नोटरी के जरिए भूखंड बेचे जाना शुरू हो गए। नैनोद, रिजलाय, बिसनावदा, कोर्डियावर्डी, नावदापंथ, श्रीराम तलावली, बागोदा, रंगवासा, शिवखेड़ा, सिंदौड़ा, सिंदौड़ी, मोकलाय, नरलाय, सोनवाय, भैंसलाय, डेहरी और धन्नड़ की जमीनों पर इस तरह के निर्माण कार्य शुरू कर दिए थे। वहीं अब नोटिफिकेशन के बाद जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू की जा रही है।

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