भारत बायोटेक ने मंगलवार को कहा कि 150 रूपये प्रति खुराक की दर से केंद्र सरकार को कोविड-19 रोधी कोवैक्सीन टीके आपूर्ति लंबे समय तक वहनीय नहीं है. उसने कहा कि केंद्र के आपूर्ति शुल्क की वजह से भी निजी क्षेत्र में कीमत के ढांचे में बदलाव हो रहा है, इसमें वृद्धि हो रही है.
भारत में निजी क्षेत्र के लिए उपलब्ध अन्य कोविड रोधी टीकों की तुलना में कोवैक्सीन के लिए अधिक दर को उचित बताते हुए भारत बायोटेक (Bharat Biotech) ने कहा कि कम मात्रा में खरीद, वितरण में आने वाली अधिक लागत और खुदरा मुनाफे आदि इसके कई सारे बुनियादी कारोबारी कारण हैं. कंपनी ने कहा, ‘‘भारत सरकार को कोवैक्सीन टीके 150 रूपये प्रति खुराक की आपूर्ति कीमत गैर-प्रतिस्पर्धी (non-competitive) कीमत है और यह स्पष्ट रूप से लंबे समय तक वहनीय नहीं है.’’
भारत बायोटेक ने एक बयान में कहा कि लागत निकालने के लिए निजी बाजार में अधिक कीमत रखना जरूरी है. उसने बताया कि भारत बायोटेक टीके के विकास, क्लिनिकल ट्रायल तथा कोवैक्सीन (covaccine) के लिए निर्माण इकाई स्थापित करने के लिए अब तक 500 करोड़ रूपये से अधिक का निवेश कर चुकी है.
केंद्र के निर्देश के अनुसार कोवैक्सीन के कुल उत्पादन का 10 फीसद से भी कम हिस्सा निजी अस्पतालों को दिया जाता है जबकि उसका बाकी बहुत बड़ा हिस्सा राज्यों एवं केंद्र के पास जाता है. भारत बायोटेक ने कहा, ‘‘ ऐसे परिदृश्य में उसे सभी आपूर्ति से कोवैक्सीन पर औसत दाम प्रति खुराक 250 रूपये से भी कम मिलता है. थोड़ा आगे बढ़ा जाए तो, करीब 75 फीसद उत्पादन राज्य एवं केद्र सरकारों को मिलेगा और बस 25 फीसद निजी अस्पतालों के पास जा रहा है.’’
उसने बताया कि भारत बायोटेक टीके के विकास, क्लिनिकल ट्रायल(clinical trial) तथा कोवैक्सीन के लिए निर्माण इकाई स्थापित करने के लिए अब तक 500 करोड़ रूपये से अधिक का निवेश कर चुकी है. उसने कहा कि टीकों एवं अन्य दवाओं का मूल्य निर्धारण जींसों एवं कच्चे मालों की लागत, उत्पाद विफलता, आदि बातों पर निर्भर करता है. उसने कहा कि भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद(Indian Council of Medical Research) ने सार्स कोव 2 वायरस की अभूपर्ति, पशुओं पर अध्ययन , वायरस विश्लेषण, परीक्षण किट और क्लीनिक परीक्षण स्थलों के लिए आंशिक वित्तपोषण के सिलसिले सहयोग किया और इस बहुमूल्य सहयोग के लिए भारत बायोटेक आईसीएमआर एवं राष्ट्रीय विषाणुविज्ञान संस्थान को उत्पादों के बिक्री के आधार पर रॉयल्टी देगी.
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