नई दिल्ली: श्रीलंका में लोगों का गुस्सा सातवें आसमान पर है. वहीं, देश की प्रशासनिक व्यवस्थाएं बेपटरी हो गई हैं. आलम यह है कि बीते एक दिन से प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति भवन पर कब्जा जमाए हुए है. प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षा के हर परत को भेदते हुए राष्ट्रपति भवन का कोना-कोना छान मारा. रविवार को भी राष्ट्रपति भवन में प्रदर्शनकारियों की चहलकदमी देखने को मिली. वहीं, श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के बारे में कोई खोज खबर नहीं है.
श्रीलंका में गहराया संकट
श्रीलंका में सरकार विरोधी प्रदर्शन रविवार को भी जारी है. राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे और प्रधानमंत्री रॉनिल विक्रमसिंघे के आवासों पर प्रदर्शनकारियों का कब्जा है. देश में उथल-पुथल के बीच राष्ट्रपति फिलहाल कहां हैं, इस बारे में कोई जानकारी नहीं है.
7 दशकों में सबसे खराब दौर
श्रीलंका एक अभूतपूर्व आर्थिक उथल-पुथल का सामना कर रहा है. 2.2 करोड़ लोगों की आबादी वाला देश सात दशकों में सबसे खराब दौर से गुजर रहा है. श्रीलंका में विदेशी मुद्रा की कमी है, जिससे देश ईंधन और अन्य आवश्यक वस्तुओं के जरूरी आयात के लिए भुगतान कर पाने में असमर्थ हो गया है. इन हालात के बीच जनता सड़कों पर है.
कहां हैं राजपक्षे गोटबाया
श्रीलंका की संसद के अध्यक्ष महिंदा यापा अभयवर्धने ने शनिवार रात को बताया कि राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे 13 जुलाई को इस्तीफा देंगे. अभयवर्धने ने शनिवार शाम को हुई सर्वदलीय नेताओं की बैठक के बाद राजपक्षे के इस्तीफे के लिए पत्र लिखा था, जिसके बाद राष्ट्रपति राजपक्षे ने इस फैसले के बारे में संसद अध्यक्ष को सूचित किया. अभयवर्धने ने बैठक में लिए गए निर्णयों पर राजपक्षे को पत्र लिखा.
संसद अध्यक्ष कार्यवाहक राष्ट्रपति बनेंगे
प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे के निजी आवास को कल प्रदर्शनकारियों ने आग के हवाले कर दिया था. अभयवर्धने ने राजपक्षे और प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे के तत्काल इस्तीफे की मांग की. स्थायी प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति नहीं होने की स्थिति में संसद अध्यक्ष कार्यवाहक राष्ट्रपति बनेंगे. इसबीच अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने रविवार को कहा कि वह श्रीलंका के हालात पर नजर बनाए हुए है. आईएमएफ ने उम्मीद जतायी की राजनीतिक गतिरोध जल्द समाप्त कर लिया जाएगा ताकि आईएमएफ समर्थित योजना पर बातचीत दोबारा शुरू हो सके.
श्रीलंका में कई जगह भीषण हिंसा
श्रीलंकाई सेना प्रमुख जनरल शैवेंद्र सिल्वा ने देश में शांति बनाए रखने के लिए लोगों से समर्थन मांगते हुए रविवार को कहा कि मौजूदा राजनीतिक संकट का शांतिपूर्ण तरीके से समाधान का अवसर अब उपलब्ध है. ‘कोलंबो गजट न्यूज’ पोर्टल ने बताया कि सिल्वा ने श्रीलंका के सभी लोगों से देश में शांति बनाए रखने के लिए सशस्त्र बलों और पुलिस का समर्थन करने का अनुरोध किया. यह बयान शनिवार को गाले फेस और फोर्ट तथा प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे के निजी आवास के पास हुई हिंसा के बाद जारी किया गया. कोलंबो के एक अस्पताल ने बताया कि 102 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है,जिसमें 11 मीडियाकर्मी शामिल हैं.
पुलिस पर गंभीर आरोप
पुलिस के विशेष कार्य बल पर प्रधानमंत्री के निजी आवास में हुए प्रदर्शन के दौरान दो टेलीविजन पत्रकारों के साथ बुरी तरह मारपीट करने के आरोप हैं. इस बीच मुख्य विपक्षी दल एसजेबी ने कहा कि उनके सहयोगी दलों के बीच बैठक आज होनी है,जिसमें राजनीतिक हालात का जायजा लिया जाएगा.
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