इंदौर: इंदौर (Indore) में मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग कार्यालय (Madhya Pradesh Public Service Commission Office) के सामने बीते दो दिनों से चल रहे धरना, ज्ञापन पर जाकर खत्म हो गया. अभ्यर्थियों ने रात को अफसरों को ज्ञापन सौंपते हुए दो दिनों का समय दिया है. अभ्यिर्थियों का कहना है कि उन्होंने 48 घंटे का वक्त आयोग को दिया है. अगर 48 घंटे बाद उनकी मांगों पर अमल नहीं किया गया तो उनका धरना फिर से शुरू हो जाएगा. इस बार छात्र आमरण अनशन पर उतारू हैं.
रेसीडेंसी एरिया स्थित एमपी पीएससी कार्यालय के बाहर दो दिनों से दिन-रात धरने पर बैठे अभ्यर्थी आखिरकार धरना खत्म करने पर राजी हो गए. उन्होंने अपनी मांगों का ज्ञापन स्थानीय प्रतिनिधियों को सौंपते हुए उन्हें 48 दिनों का वक्त दिया है. अगर अगले 48 घंटे में उनकी दी गई मांगों पर विचार नहीं किया जाता है तो अभ्यर्थी फिर से धरने पर बैठने को मजबूर होंगे. छात्रों ने कहा कि उन्होनें अपनी तीन सूत्रीय मांगों का ज्ञापन प्रशासन को सौंपा है और मांग पूरी न होने पर फिर से धरने पर बैठने की चेतावनी दी है.
दरअसल मध्य प्रदेश के इंदौर (Indore) में स्टूडेंट्स ने मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग (MPPSC) के फैसले के खिलाफ सड़कों पर उतर आए थे. स्टूडेंट्स ने सोमवार (5 फरवरी) को आयोग की मनमानी के खिलाफ इंदौर स्थित ऑफिस के सामने प्रदर्शन किया. आयोग द्वारा मुख्य परीक्षा जल्द कराने के फैसले को लेकर राज्य सेवा प्रारंभिक परीक्षा-2023 में पास होने वाले उम्मीदवारों ने विरोध प्रदर्शन किया. महिला अभ्यर्थियों सहित लगभग 125 उम्मीदवारों ने रातभर एमपीपीएससी कार्यालय के बाहर धरना दिया.
बता दें कि इंदौर में सोमवार (5 फरवरी) दोपहर से बड़ी संख्या में 2023 के परीक्षार्थियों ने मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग के कार्यालय का घेराव किया. परीक्षार्थियों ने मांग की कि मुख्य परीक्षा का समय बढ़ाया जाए. परीक्षार्थियों का कहना है कि एमपीपीएससी ने मुख्य परीक्षा की तैयारी के लिए केवल 45 दिन दिया है. जबकि मेंस के लिए कम से कम 90 दिनों का समय दिया जाए. परीक्षार्थियों ने कहा कि मध्य प्रदेश के युवाओं का भविष्य संस्थाओं की भेंट चढ़ता जा रहा है. इसका ताजा उदाहरण मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग की दोहरी कार्यक्रम प्रणाली है.
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