मास्को। पिछले साल राष्ट्रपति चुनाव (presidential election) के बाद बेलारूस(Belarus) में हुए जोरदार सरकार विरोधी प्रदर्शनों (Anti government demonstrations) के पीछे क्या अमेरिका(America) का हाथ था? क्या प्रदर्शनों के आयोजकों को अमेरिकी संस्था नेशनल एन्डॉवमेंट फॉर डेमोक्रेसी American institution National Endowment for Democracy (NED) ने पैसे दिए थे? ये सवाल रूसी वेबसाइट रशियाटुडे.कॉम पर छपी एक रिपोर्ट में किए गए दावों से उठा है। इसके मुताबिक दो रूसी छद्म ऑनलाइन कार्यकर्ताओं से बातचीत में खुद NED के अधिकारियों ने उन प्रदर्शनों में अमेरिकी हाथ का विस्तार से जिक्र किया।
वोवान और लेक्सस नाम से इन छद्म ऑनलाइन कार्यकर्ताओं ने इस बारे में एक वीडियो जारी किया है। रिपोर्ट उसी वीडियो के आधार पर बनाई है। इस वीडियो में दावा किया गया है कि वोवान और लेक्सस ने छद्म रूप धारण कर NED के वरिष्ठ प्रतिनिधियों से बातचीत की। इस दौरान एनईडी के प्रतिनिधियों ने कहा कि पूर्वी यूरोप में सरकार विरोधी प्रदर्शनों को वे धन मुहैया कराते हैं और ऐसे अभियान का पूरा समर्थन करते हैँ।
अमेरिका में एनईडी को ‘दुनियाभर में स्वतंत्रता को समर्थन’ देने के लिए सरकारी बजट से पैसा मिलता है। विभिन्न देशों में प्रदर्शनों के दौरान इस संस्था की भूमिका पर पहले भी सवाल उठते रहे हैं। एनईडी खुद को एक ‘निजी, नॉन-प्रोफिट (मुनाफे का मकसद ना रखने वाली), अनुदानदाता’ संस्था बताता है। उसकी वेबसाइट पर दी गई गई जानकारी के मुताबिक उसके लिए धन अमेरिका का विदेश विभाग देता है, जिसके बजट को अमेरिकी कांग्रेस (संसद) पारित करती है। एनईडी के मुताबिक फंडिंग के लिए वह व्हाइट हाउस और कांग्रेस पर निर्भर है। लेकिन उसका दावा है कि धन कैसे खर्च होगा, इसे स्वतंत्र रूप से उसका निदेशक मंडल तय करता है। एनईडी के अपने बयान के मुताबिक दुनिया के बहुत से संगठनों को पैसा देने का फैसला वह स्वतंत्र रूप से लेता है। उससे वैसे बहुत से संगठन अनुदान लेते हैं, जो सीधे अमेरिकी विदेश मंत्रालय से उसे लेना पसंद नहीं करते। रिपोर्ट के मुताबिक छद्म कार्यकर्ताओं के साथ ऑनलाइन बातचीत में एनईडी की प्रतिनिधि नीना ओग्निनोवा ने बताया कि उनके संस्था ने बेलारूस में कई समूहों को पैसा दिया है। उन समूहों बड़ी संख्या में लोगों को प्रशिक्षित किया है। वे लोग देश में समुदायों को संगठित करने में जुटे हुए हैं। ओग्निकोवा ने दावा किया कि बेलारूस में राष्ट्रपति अलेसांद्र लुकाशेंको के पिछले साल अगस्त में राष्ट्रपति चुनाव जीतने के बाद जो विरोध प्रदर्शन हुए, उसमें एनईडी की बड़ी भूमिका थी। विरोधियों का आरोप था कि लुकाशेंको ने धांधली के जरिए चुनाव जीता। कई अंतरराष्ट्रीय पर्यवेक्षकों ने भी ऐसी राय जताई थी। लंबे समय तक चले प्रदर्शनों के दौरान दसियों हजार लोग सड़कों पर उतरते रहे। एनईडी के अध्यक्ष कार्ल गेर्समैन ने छद्म कार्यकर्ताओं को बताया कि एनईडी का विपक्षी नेता तिखनोव्स्काया के साथ संपर्क बना हुआ है। तिखनोव्स्काया ही पिछले चुनाव में लुकाशेंको के खिलाफ उम्मीदवार थीं। हारने के बाद वे पड़ोसी देश लिथुआनिया चली गईं और अभी वहीं रह रही हैँ। लुकाशेंको ने पिछले साल प्रदर्शनों के समय दावा किया था कि उनके खिलाफ विरोध को विदेशों से भड़काया जा रहा है। रिपोर्ट में इस खुलासे के बारे में एनईडी की प्रतिक्रिया शामिल नहीं की गई है।