नई दिल्ली । अमेरिका (America) और चीन (China) के रिश्तों में तल्खी बढ़ती ही जा रही है। हाल ही में G-20 के तहत हुई विदेश मंत्रियों की बैठक (foreign ministers meeting) से पहले भी दोनों देशों के बीच काफी बयानबाजी हुई थी। अब अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन (Antony Blinken) ने चीन से 2016 के मध्यस्थता फैसले का पालन करने का आह्वान किया है जिसमें दक्षिण चीन सागर में विशाल क्षेत्र पर बीजिंग के दावे को अमान्य कर दिया गया था। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि फिलीपींस की सेना, जहाज या विमान विवादित जलक्षेत्र में हमले की चपेट में आते हैं तो अमेरिका उसकी रक्षा जरूर करेगा।
इलाके में विवादों को हवा देता रहा है चीन
बता दें कि 2013 में फिलीपींस सरकार द्वारा की गई शिकायत के बाद समुद्री कानून पर 2016 में आए हेग स्थित मध्यस्थता न्यायाधिकरण के फैसले की छठी वर्षगांठ पर मनीला में अमेरिकी दूतावास द्वारा मंगलवार को ब्लिंकन का बयान जारी किया गया। चीन ने मध्यस्थता को लेकर हुए इस मुकदमे में हिस्सा नहीं लिया था और इसमें हुए फैसले को खारिज कर दिया था। उसने न्यायाधिकरण के फैसले का उल्लंघन जारी रखा। इतना ही नहीं, चीन ने पिछले कुछ सालों में फिलीपींस और अन्य दक्षिण पूर्व एशियाई दावेदार देशों के साथ क्षेत्रीय विवाद को बढ़ाया ही है।
ब्लिंकन के बयान पर नहीं आई प्रतिक्रिया
ब्लिंकन ने कहा, ‘मैं साफ कर दूं कि दक्षिण चीन सागर में फिलीपींस की सेना, जहाजों या प्लेन पर किसी सशस्त्र हमले की स्थिति में अमेरिका अपनी पारस्परिक रक्षा प्रतिबद्धताओं को लागू करेगा।’ इस पर बीजिंग की ओर से तुरंत कोई प्रतिक्रिया नहीं आई लेकिन चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने मलेशिया की प्रशासनिक राजधानी पुत्रजया में कहा कि चीन दक्षिण पूर्व एशियाई राष्ट्र संघ के साथ बातचीत तेज कर रहा है, जिसमें फिलीपींस के अलावा 3 अन्य दावेदार देश शामिल हैं।
चीन का अधिकांश पड़ोसियों के साथ सीमा विवाद
ड्रैगन का दक्षिण चीन सागर या South China Sea में बाकी देशों से विवाद काफी पुराना है। बता दें कि दक्षिण चीन सागर पर वह अपना दावा करता है लेकिन उसके विपरीत अन्य देश भी इस पर अपना-अपना दावा करते रहे हैं। चीन का अपने अधिकांश पड़ोसी देशों के साथ सीमा विवाद है और वह इसे लेकर समय-समय पर आक्रामकता भी दिखाता रहा है।
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