भोपाल। प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पढऩे वाले पांच लाख बच्चों को हर साल साइकिल वितरित की जाती है। कोरोना के कारण पिछले दो सत्र से स्कूल नहीं लगे, तो बच्चों को साइकिल भी नहीं मिल पाई है। इस साल 15 जून से नवीन शैक्षणिक सत्र शुरू हो चुका है। स्कूल भी नियमित लग रहे हैं। इसके बावजूद अब तक बच्चों को साइकिलों का वितरण नहीं किया गया है। इस संबंध में जब स्कूल शिक्षा विभाग से जानकारी ली गई तो पता चला कि सत्र में अभी सिर्फ 40 हजार आदिवासी क्षेत्रों के बच्चें को साइकिल मिलेगी। प्रदेश के साढ़े चार लाख से ज्?यादा अन्य स्कूली बच्चों को साइकिल के लिए अभी और इंतजार करना पड़ेगा।
वहीं स्कूल शिक्षा राज्यमंत्री इंदर सिंह परमार का कहना है कि पहले आदिवासी बच्चों को साइिकलें दी जाएगी। बाद में अन्य को मिलेंगी। इसका कारण उन्होंने अभी कुछ भी बताने से इंकार कर दिया। बता दें, कि शासन की ओर से सरकारी स्कूलों में पढऩे वाले छठवीं और नौवीं कक्षा के विद्यार्थियों को मुफ्त साइकिल दी जाती है। साइकिल वितरण योजना में 180 करोड़ रुपये बजट का प्रविधान है। वहीं इस सत्र में विद्यार्थियों को मनपसंद साइकिल देने का प्रस्ताव भी तैयार किया जा रहा है।
मनपसंद साइकिल के लिए विद्यार्थियों को देंगे टोकन
स्कूल शिक्षा विभाग की ओर से ग्रामीण क्षेत्रों के हर साल छठवीं और नौवीं के विद्यार्थियों को साइकिल दी जाती है। सत्र 2019-20 में प्रदेश के करीब आठ लाख विद्यार्थियों को साइकिलें दी गई थी। इस साल करीब पांच लाख विद्यार्थियों को साइकिलें प्रदान की जाएंगी। विभाग इस बार सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों को मनपसंद साइकिल देने की तैयारी कर रहा है। विद्यार्थियों को टोकन दिया जाएगा। पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर अभी भोपाल व इंदौर के विद्यार्थियों को टोकन दिया जाएगा। विद्यार्थी चाहे तो पैसे मिलकार महंगी साइकिल भी खरीद सकेंगे। इसके लिए अभी प्रस्ताव तैयार है, लेकिन मंजूरी नहीं मिलने के कारण अब तक विद्यार्थियों को साइकिल प्रदान नहीं की गई।
इन जिलों में पहले दी जाएगी साइकिल
अब बालाघाट, बैतूल, छिंदवाड़ा, होशंगाबाद, सिवनी, मंडला,श्योपुर, अलीराजपुर, बड़वानी, धार, झाबुआ, खंडवा, खरगोन, अनूपपुर, डिंडोरी, शहडोल, सीधी और उमरिया जिले के विद्यार्थियों के लिए साइकिल खरीदी जाएंगी।
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