– डॉ. दिलीप अग्निहोत्री
उत्तर प्रदेश में विगत साढ़े चार वर्षों की अवधि में मेडिकल कॉलेज, विश्वविद्यालय व अन्य शिक्षण संस्थानों की रिकार्ड स्थापना हुई है। यह कार्य आगे बढ़ रहा है। बेसिक व प्राइमरी विद्यालयों के सुधार हेतु ऑपरेशन कायाकल्प संचालित किया जा रहा है। बच्चों को पारदर्शी तरीके से सुविधाएं प्रदान की जा रही है। प्रदेश के प्रत्येक जनपद में मेडिकल कॉलेज स्थापना का कार्य प्रगति पर है। पिछले कुछ समय में अनेक विश्वविद्यालयों व मेडिकल कॉलेजों का लोकार्पण- शिलान्यास किया गया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कहते हैं कि शिक्षण संस्थानों के भवन व नाम में भारतीय स्वाभिमान, शौर्य व संस्कृति की झलक मिलनी चाहिए। सहारनपुर में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मां शाकुम्भरी देवी राज्य विश्वविद्यालय का शिलान्यास किया।
सहारनपुर में पुंवारका ब्लॉक में बनने वाले राज्य विवि का नाम प्रदेश सरकार ने मां शाकुम्भरी देवी के नाम पर किया है। सहारनपुर में बनने वाला मां शाकुम्भरी विश्वविद्यालय में अगले वर्ष पढ़ाई शुरू हो जाएगी। छात्रों की डिग्री पर मां शाकुम्भरी का चित्र अंकित रहेगा। मां शाकुम्भरी विश्वविद्यालय की स्थापना सहारनपुर जनपद की तहसील सदर के ग्राम पुवांरका में पचास एकड़ से अधिक क्षेत्रफल में की जाएगी। विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन, शैक्षणिक भवन, छात्रावास,आवासीय भवन आदि के निर्माण हेतु प्रथम चरण में करीब बानवे करोड़ रुपये की लागत के निर्माण कार्यों की स्वीकृति प्रदान की गयी है। इस विश्वविद्यालय के निर्माण कार्यों हेतु लोक निर्माण विभाग को कार्यदायी संस्था बनाया गया है।
मां शाकुम्भरी विश्वविद्यालय के क्षेत्राधिकार में सहारनपुर मण्डल के तीनों जनपद मुजफ्फरनगर, सहारनपुर एवं शामली को सम्मिलित किया गया है। इन तीनों जनपदों के ढाई सौ से अधिक महाविद्यालय इस विश्वविद्यालय से संबद्ध किए गए हैं। विश्वविद्यालय की स्थापना से सहारनपुर मण्डल के छात्र-छात्राओं को निकटतम स्थान पर ही उच्च शिक्षा की बेहतर सुविधा उपलब्ध हो सकेगी। कुछ दिन पहले प्रधानमंत्री द्वारा देवरिया मेडिकल कॉलेज का लोकार्पण किया गया था। यह मेडिकल कॉलेज महर्षि देवरहा बाबा के नाम पर स्थापित हुआ है। वर्तमान सरकार के पहले तक सत्तर वर्षों में प्रदेश में केवल बारह मेडिकल कॉलेज बने थे। विगत पांच वर्षों में भारत सरकार की सहायता से प्रदेश में तैतीस नए मेडिकल कॉलेज स्थापित किए जा रहे हैं। गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक की स्थापना की गई है। गोरखपुर में एम्स की स्थापना की जा रही है। वर्तमान प्रदेश सरकार ने कस्तूरबा गांधी विद्यालय में व्यापक सुधार किया है। यह विद्यालय पहले आठवीं कक्षा तक थे। उसे बढ़ाकर बारहवीं कक्षा तक किया जा रहा है। इससे प्रदेश की गरीब कन्याओं को शिक्षा के बेहतर अवसर मिलेंगे। उनकी प्रतिभा का लाभ देश और समाज को प्राप्त होगा। अनेक स्थानों पर कस्तूरबा गांधी विद्यालय का विस्तारीकरण का कार्य कराया जा रहा है।
कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मेधावी छात्र-छात्राओं को स्कॉलरशिप की साढ़े चार सौ करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि ऑनलाइन भेजी। वर्तमान सरकार ने पूर्ववर्ती सरकारों की तरह राजनीतिक प्रतिशोध और प्रतिद्वंद्विता के तहत बच्चों के जीवन के साथ खिलवाड़ नहीं किया। शासन की लोक कल्याणकारी योजनाओं को बाधित नहीं किया गया। पिछले पांच वर्ष के दौरान शासन की योजनाओं को हर पात्र व्यक्ति तक पहुंचाने का कार्य हो रहा है। अनुसूचित जाति जनजाति के बच्चों के लिए निशुल्क कोचिंग की व्यवस्था की गई। अल्पसंख्यक समुदाय के बच्चों के लिए कोचिंग की व्यवस्था की गई। अन्य सभी बच्चों के लिए योजनाएं समय व पारदर्शी तरीके से पहुंचाई गयी हैं। अभ्युदय योजना के तहत बच्चों को नि:शुल्क कोचिंग की सुविधा दी जा रही है। समाज कल्याण विभाग को निर्देशित किया कि जल्द ही अभ्युदय योजना को समाज कल्याण विभाग सभी जिलों में लागू करे। अभ्युदय योजना अभी तक अठारह जिलों में ही संचालित है। ज्यादा से ज्यादा युवाओं को तकनीक से जोड़ा जा रहा है।
दो दिन पहले बारह लाख से अधिक बच्चों को स्कॉलरशिप दी गई। चार सौ अट्ठावन करोड़ से अधिक रुपये शुल्क प्रतिपूर्ति के रूप में उपलब्ध कराई गयी है। गत दो अक्टूबर को प्रदेश सरकार ने लगभग सत्तावन लाख बच्चों को स्कॉलरशिप की किस्त भेजी थी। कोरोना महामारी के कारण बड़ी संख्या में हमारे स्कूल कॉलेज शुरू नहीं हो पाए थे। देर से दाखिला होने के कारण सरकार के पास पूरी संख्या नहीं आ पायी थी। इसके कारण स्कॉलरशिप को अलग-अलग किस्तों में भेजना पड़ रहा है। इस स्कॉलरशिप योजना से बच्चों को पढ़ाई में मदद मिलती थी। वर्तमान सरकार की अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति तक शासन की योजनाओं को पहुंचाना उद्देश्य है। इसके लिए सरकार अपनी ओर से सभी प्रयास करती थी। इसके लिए जागरूकता भी उतनी ही जरूरी है।
दिसंबर से मार्च तक स्मार्ट फोन एवं टैबलेट राज्य सरकार दिसंबर से मार्च तक बच्चों को स्मार्ट फोन एवं टैबलेट बांटने की योजना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के बच्चों को अच्छा वातावरण मिलना चाहिए। राज्य सरकार इसी दिसंबर महीने में युवा छात्रों के लिए स्मार्ट फोन एवं टैबलेट वितरण करने की बड़ी कार्ययोजना पर काम कर रही है। स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर पर अध्ययन करने वाले विद्यार्थियों को यह लाभ दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि समय पर उनके नाम अपलोड हों। उन्हें एक निश्चित योजना के तहत दिसंबर से लेकर मार्च तक स्मार्ट फोन एवं टैबलेट देने के लिए पूरी तैयारी करनी होगी। इसे हमें निरंतर आगे बढ़ाना होगा। राज्य सरकार कल्याणकारी योजना में किसी भी स्तर पर लापरवाही नहीं होनी चाहिए।
युवाओं के उत्थान के लिए प्रदेश सरकार प्रतिबद्ध है। प्रदेश सरकार ने यह तय किया है कि राज्य के स्नातक,स्नातकोत्तर, आईटीआई, पॉलीटेक्निक,नर्सिंग, फार्मेसी, मेडिकल तथा इंजीनियरिंग कॉलेजों में पढ़ने वाले सभी एक करोड़ युवाओं को टैबलेट स्मार्टफोन प्रदान किया जाएगा। इसके लिए अगले महीने से सांसद एवं विधायक अपने क्षेत्रों में जगह-जगह कैम्प लगाकर युवाओं को टैबलेट स्मार्ट फोन देने का कार्य करेंगे। वर्तमान सरकार ने प्रदेश में विगत साढ़े चार वर्ष में पूरी निष्पक्षता एवं पारदर्शिता के साथ बिना किसी भेदभाव के साढ़े चार लाख युवाओं को सरकारी नौकरियों में नियोजित किया है। राज्य सरकार के प्रयासों से प्रदेश में हुए निवेश से एक करोड़ इकसठ लाख से अधिक नौजवानों रोजगार प्राप्त हुआ है। एक जनपद एक उत्पाद योजना, विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना सहित अन्य योजनाओं के माध्यम से साठ लाख से अधिक लोगों को स्वरोजगार से जोड़ने का कार्य हुआ है।
(लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं।)
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