भोपाल। केंद्र सरकार से सभी पदों के विरुद्ध पदोन्नति की अनुमति नहीं मिलने के कारण 2009 बैच के 25 आइपीएस अधिकारियों में से सिर्फ 14 ही डीआइजी के पद पर पदोन्नत हो पाए हैं। 11 अधिकारी अभी भी पदोन्नति के इंतजार में हैं। पदोन्नति के पहले प्रदेश सरकार ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर रिक्त पदों के विरुद्ध सभी 25 आइपीएस अधिकारियों को पदोन्नत करने की छूट देने की मांग की थी, पर गृह मंत्रालय ने यह कहते हुए साफ मना कर दिया था कि आइपीएस (वेतन) नियम-2016 में छूट देने का कोई प्रविधान नहीं है। अब बचे हुए अधिकारियों को केंद्र से पद बढऩे या काडर रिव्यू होने तक इंतजार करना होगा।
काडर रिव्यू पिछले वर्ष ही हुआ है, इसलिए इस वर्ष होने की उम्मीद नहीं है। ऐसे में बचे हुए अधिकारियों को पदोन्नत करने के लिए प्रदेश सरकार एक बार फिर केंद्र को पत्र लिख सकती है। 2009 बैच के जिन अधिकारियों को पदोन्नत किया गया है वह वरिष्ठता क्रम में ऊपर थे। इन पदों पर पदोन्नति के लिए नवंबर 2022 में डीपीसी हुई थी। इसमें जिन 14 अधिकारियों को पदोन्नत किया गया था। उनमें से चार सीधी भर्ती के थे।
यह कर रहे हैं पदोन्नति का इंतजार
मनोज कुमार श्रीवास्तव, डालूराम तेनीवार, अनीता मालवीय, साकेत पांडे, अमित सांघी, टीके विद्यार्थी, सत्येंद्र कुमार शुक्ला, वीरेंद्र कुमार सिंह, प्रशांत खरे, अतुल सिंह, मनीष कुमार अग्रवाल की पदोन्नति लटक गई है, क्योंकि केंद्र ने मंजूरी नहीं दी है।
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