इंदौर। मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय की इंदौर खंडपीठ ने राज्य के बहुचर्चित ‘हनीट्रैप’ मामले के आरोपियों को डिजिटल साक्ष्य सौंपे जाने के यही कि एक अदालत के फैसले पर आज अंतरिम रोक लगा दी गयी। प्रकरण की जांच कर रहे विशेष जांच दल के निरीक्षक शशिकांत चौरसिया के द्वारा दायर पुन: निरीक्षण याचिका पर आज न्यायधीश वीरेंद्र सिंह ने एसआईटी को राहत दी है।
अतिरिक्त महाधिवक्ता पुष्यमित्र भार्गव ने बताया कि इससे पहले जिले के विशेष न्यायाधीश ने बीते 4 दिसम्बर को एक आदेश जारी किया था, जिसमे हनीट्रैप के आरोपियों को प्रकरण से जुड़े डिजिटल साक्ष्य और इन साक्ष्यों की सक्षम एजेंसियों से कराई गई जांच की रिपोर्ट उपलब्ध कराने का आदेश दिया था। इसी आदेश पर आज अदालत ने रोक लगा दी है।
भार्गव के अनुसार अदालत ने मामले की आगामी सुनवाई तक रोक लगाई है। इसके साथ ही अदालत ने सम्बंधित पक्षो को आज नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। इससे पहले सितम्बर 2019 में इंदौर नगर निगम के एक तत्कालीन सिटी इंजीनियर की शिकायत पर पलासिया थाना पुलिस ने एक प्रकरण दर्ज किया था। अंतरंग पलों का वीडियो बनाकर 3 करोड़ रुपये की मांग करने के आरोप में पुलिस ने 4 महिलाओं सहित 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया था।
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