उज्जैन। नए साल पर भगवान महाकाल के दर्शन करने आने वाले भक्तों को दूर से ही दर्शन करना पड़ेगा। मंदिर प्रबंध समिति ने 30 दिसंबर से 02 जनवरी तक महाकाल मंदिर के नंदी हॉल और गर्भगृह में श्रद्धालुओं को प्रवेश पर रोक लगा दी है। नए साल पर श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए यह फैसला लिया गया है। इसके अलावा वीआईपी दर्शन के लिए आने वाले प्रमुख व्यक्तियों को जिला प्रोटोकॉल से दर्शन की अनुमति लेना अनिवार्य किया गया है।
नए साल पर बढ़ी संख्या में देश-विदेश से श्रद्धालु बाबा महाकाल का आशीर्वाद लेने मंदिर पहुंचते हैं। लेकिन इस वर्ष कोरोना संक्रमण के चलते दर्शन नियमों और गाइडलाइन में परिवर्तन किया गया है। पिछले वर्ष यहां साल के अखिरी दिन और नववर्ष पर 50 हजार से अधिक भक्त दर्शन करते आए थे।
इस वर्ष भी भीड़ और महामारी को देखते हुए मंदिर समिति प्रबंधन ने 30 दिसंबर से 2 जनवरी तक महाकाल मंदिर के नंदी हॉल और गर्भगृह में श्रद्धालुओं को प्रवेश पर रोक लगा दी है। इस दौरान नंदी हॉल के पीछे बैरिकेडिंग से चलायमान दर्शन व्यवस्था रहेगी, वीवीआईपी श्रद्धालु भी गणेश मंडप के प्रथम बैरिकेड्स से भगवान महाकाल के दर्शन करेंगे। हालांकि बाबा महाकाल के दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा का ध्यान रखते हुए मंदिर में भगवान के दर्शन करने का समय 45 मिनट बढ़ाया गया है।
कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए समिति के सदस्यों ने निर्णय लिया है कि अब रात नौ बजे के बजाय रात पौने दस बजे तक महाकाल के दर्शन होंगे। इसके अलावा भस्मारती के साथ ही शयन आरती दर्शन पर अब भी रोक बरकरार रखी गई है। किसी भी श्रद्धालु को इन दो आरतीयों के दर्शन की अनुमति नहीं दी जाएगी। अधिकारियों ने प्रोटोकॉल व्यवस्था को भी यथावत रखा है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved