अमित जलधारी, इंदौर। लक्ष्मीबाईनगर रेलवे स्टेशन (Laxmibainagar Railway Station) के पास एमआर-4 के निर्माण के लिए दी गई जमीन रेलवे ने इंदौर जिला प्रशासन से वापस मांग ली है। उज्जैन में हुए सिंहस्थ-16 के पहले यह जमीन रेलवे ने इसलिए जिला प्रशासन को दी थी, क्योंकि स्टेशन के सामने स्थित भागीरथपुरा क्षेत्र की बस्ती नहीं हट पा रही थी और सिंहस्थ को देखते हुए सडक़ जल्दी बनाना जरूरी हो गया था। अब लगभग सात साल बाद रेलवे को वह जमीन वापस चाहिए, क्योंकि उज्जैन-देवास-इंदौर रेल लाइन (Ujjain-Dewas-Indore Rail Line) के दोहरीकरण का काम इंदौर के मुहाने पर पहुंच गया है। इधर, जिला प्रशासन ने भी रेलवे को जमीन देने की हामी भर दी है।
दोहरीकृत रेल लाइन लक्ष्मीबाई नगर स्टेशन (Doubled Rail Line Laxmibai Nagar Station) के पार्किंग से होते हुए रेलवे माल गोदाम क्रॉसिंग के पहले तक बिछेगी और रेलवे के पास स्टेशन के पास लाइन के लिए जगह उपलब्ध नहीं है। लक्ष्मीबाई नगर में दोहरीकरण योजना के तहत नया प्लेटफार्म भी बनाना होगा, जिसके लिए मौजूदा सडक़ के लिए दी गई जमीन वापस लेना जरूरी हो गया है। सूत्रों ने बताया कि उक्त जमीन लंबाई में करीब 300 मीटर है। रेलवे दोहरीकरण योजना के लिए लक्ष्मीबाई नगर स्टेशन के पार्किंग एरिया और सडक़ पर लाइन भी खींच चुका है। डामर से बनी यह सडक़ एमआर-4 का बॉटल नेक है और बस्ती नहीं हट पाने के कारण सडक़ कर्व में बनाई गई और यह पर्याप्त चौड़ाई की भी नहीं है। अब नगर निगम के अधिकारी यह देख रहे हैं कि मौजूदा सडक़ आधी रहने के बाद दोनों तरफ का ट्रैफिक कैसे गुजरेगा। सूत्रों ने बताया कि वर्तमान सडक़ टू लेन सडक़ पर दोनों तरफ के वाहन गुजर रहे हैं, लेकिन रेलवे को जमीन वापस देने के बाद सडक़ का 10-12 फीट का हिस्सा ही बचेगा। इस हिस्से का उपयोग पोलोग्राउंड से लक्ष्मीबाई नगर स्टेशन की ओर जाने वाले वाहन कर सकेंगे। विपरीत दिशा (लक्ष्मीबाई नगर स्टेशन से पोलोग्राउंड की तरफ) आने वाले वाहनों को भागीरथपुरा बस्ती के दूसरी तरफ बनी सडक़ पर डायवर्ट करने की योजना है।
कलेक्टर बोले- रेलवे का भी विकास जरूरी, जल्द सौंपेंगे जमीन
कलेक्टर इलैया राजा टी. ने अग्निबाण से कहा कि रेलवे का भी विकास जरूरी है और इसके लिए हरसंभव मदद देंगे। रेलवे अफसरों ने स्टेशन विकास के लिए जो जमीन मांगी है, उसे जल्द वापस देंगे। इसके लिए ट्रैफिक डायवर्शन प्लान बनाने को कहा है। नगर निगम एमआर-4 का निर्माण भी कर रहा है, जिसके तहत प्रभावित बस्ती के परिवारों का पुनर्विस्थापन किया जाएगा। रेल अधिकारियों ने कहा है कि अभी उन्हें देवास-इंदौर के बीच एक स्टेशन (मांगलियागांव) का निर्माण करना है। उसके बाद लक्ष्मीबाई नगर स्टेशन क्षेत्र में काम होगा। तब तक वैकल्पिक व्यवस्थाएं कर जमीन रेलवे को दे देंगे।
पहले लक्ष्मीबाई नगर स्टेशन से पहले तक ही बिछना थी दोहरी लाइन
उज्जैन-इंदौर रेल लाइन दोहरीकरण प्रोजेक्ट के तहत पहले रेलवे दोहरी लाइन लक्ष्मीबाई नगर स्टेशन के पहले (बाणगंगा क्रॉसिंग के आसपास) तक बिछाने वाला था। वहीं पर लाइन मौजूदा इंदौर-देवास-उज्जैन लाइन से जोड़ी जाने वाली थी, लेकिन इससे तकनीकी रूप से ट्रेन संचालन बहुत कठिन हो जाता और दोनों दिशाओं की ट्रेनों को जहां-तहां रोकना पड़ता। इसी झंझट से बचने के लिए रेलवे ने लक्ष्मीबाई नगर स्टेशन के आगे क्रॉसिंग तक दोहरी लाइन बिछाने का निर्णय लिया है। लक्ष्मीबाई नगर से इंदौर स्टेशन के बीच पहले ही दोहरी रेल लाइन उपलब्ध है, इसलिए उज्जैन तक पूरे सेक्शन में आने-जाने वाली ट्रेनों के लिए अलग-अलग लाइन उपलब्ध होगी। जमीन मांगने के लिए पिछले दिनों रतलाम मंडल के डीआरएम रजनीश कुमार इंदौर आकर कलेक्टर इलैया राजा टी. से मिले थे।
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