भोपाल। राज्य शासन ने 15 नवंबर को प्रदेश के अधिसूचित जिलों के 89 विकासखंडों में पेशा कानून लागू कर दिया है। इस कानून के तहत पंचायतों को विशेष अधिकार दिए गए हैं। इन्हीं अधिकारों का प्रयोग कर डिंडौरी जिले के मुडिय़ा गांव में शराबबंदी कर दी गई है। अब शराब बनाकर बेचने या पीने पर एक हजार रुपए का जुर्माना होगा। गांव में पहली बार तेरहवीं के कार्यक्रम में किसी ने शराब नहीं ली।
जल्दा मुडिय़ा गांव के ग्राम सभा अध्यक्ष राजकुमार ने बताया कि 30 दिसम्बर को पेसा एक्ट के तहत ग्राम सभा का आयोजन हुआ था। गांव की महिलाओं और पुरुषों ने एक मत होकर गांव में शराब बंदी करने की आवाज उठाई। इसके बाद ग्राम सभा में यह तय हुआ कि गांव में शराब बनाते या बेचते पाया जाने पर 1 हजार रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा।
उत्सव में 4 लीटर शराब की छूट- सरपंच
गांव की सरपंच सुनीता वनवासी ने बताया कि गांव के जिस घर में शादी, विवाह, जन्मोत्सव या पूजा होगी। उस घर के लोगों को ग्राम सभा में आकर जानकारी देनी होगी। इसके बाद उन्हें 4 लीटर शराब तक के उपयोग की छूट मिल सकेगी। ग्राम सभा अध्यक्ष राजकुमार धुर्वे ने बताया कि मुडिय़ा गांव में तीन सौ परिवार रहते हैं। यह तीन सौ परिवार सात टोलों में रहते हैं। इन सातों टोलों की जिम्मेदारी ग्राम सभा सदस्यों को दी है। यह अपने-अपने टोलों की निगरानी रख कर शराबबंदी को लागू करेंगे। मुडिय़ा गांव में तीन महुआ की दुकानें हैं। इस गांव में 15 परिवार मुहआ से शराब बनाने के कारोबार से जुड़े हैं। अब वे दोबारा महुआ नहीं मगाएंगे। राजकुमार ने बताया कि 30 दिसंबर जब से ग्राम सभा में शराबबंदी हुई है, तब से शराब किसी ने भी ना शराब बेची है और ना ही किसी ने पी है। जल्दा मुडिय़ा गांव में ग्राम सभा ने शराब बंदी का प्रस्ताव पारित किया, उसके बाद महिलाएं बहुत खुश हैं।
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