नई दिल्ली. पूर्व प्रधानमंत्री (Former Prime Ministers) डॉ मनमोहन सिंह (Dr. Manmohan Singh) के स्मारक (memorial) को लेकर प्रक्रिया शुरू हो गई है. केंद्र सरकार (Central government) ने स्मारक के लिए कुछ जगहों के सुझाव दिए हैं. मनमोहन सिंह के परिवार (family) को कुछ विकल्प दिए गए हैं. उनसे कहा गया है कि वे इनमें से कोई एक स्थान का चयन कर लें ताकि स्मारक का काम शुरू हो सके.
हालांकि इसके लिए पहले ट्रस्ट का गठन जरूरी है. नई नीति के अनुसार जमीन केवल ट्रस्ट को ही आवंटित की जा सकती है. ट्रस्ट बनने के बाद ही स्मारक के निर्माण का काम शुरू किया जा सकता है. ट्रस्ट स्मारक की जमीन के लिए आवेदन करेगा और आवंटन के बाद सीपीडब्ल्यूडी के साथ एमओयू पर दस्तखत होंगे.
अधिकारियों ने किया राजघाट का दौरा
सूत्रों के अनुसार मनमोहन सिंह के स्मारक के लिए राजघाट, राष्ट्रीय स्मृति स्थल या किसान घाट के पास एक से डेढ़ एकड़ जमीन दी जा सकती है. शहरी विकास मंत्रालय के अधिकारियों ने स्मारक के लिए राजघाट और उसके आसपास के इलाके का दौरा किया है.
यह भी संभावना है कि डॉ मनमोहन सिंह के स्मारक के लिए नेहरु-गांधी परिवार के नेताओं की समाधि के पास जगह दी जाए. गौरतलब है कि यहां पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और संजय गांधी की समाधि है.
92 साल की उम्र में ली अंतिम सांस
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का 26 दिसंबर को उम्र संबंधी समस्याओं के कारण दिल्ली एम्स में निधन हो गया. वह 92 वर्ष के थे. उनका अंतिम संस्कार 28 दिसंबर को नई दिल्ली के निगमबोध घाट पर किया गया. भारत और दुनिया भर के नेताओं ने मनमोहन सिंह के निधन पर शोक व्यक्त किया.
केंद्र सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री के निधन पर सात दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की. केंद्र सरकार ने घोषणा कि है कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का स्मारक राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बनाया जाएगा. 29 दिसंबर को मजनू का टीला स्थित गुरुद्वारे में मनमोहन सिंह की अस्थियों को रखा गया और यहां शबद कीर्तन, पाठ और अरदास के बाद उनके परिजनों ने इसे यमुना में विसर्जित कर दिया.
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