नई दिल्ली (New Delhi)। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Draupadi Murmu) आज लोकसभा और राज्यसभा (Lok Sabha and Rajya Sabha) की संयुक्त बैठक को संबोधित करेंगी जिसमें वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के नेतृत्व वाली नवनिर्वाचित एनडीए सरकार (Newly elected NDA government) की प्राथमिकताओं को सामने रख सकती हैं। अठारहवीं लोकसभा के गठन के बाद संसद की संयुक्त बैठक में मुर्मू का यह पहला संबोधन होगा। नई लोकसभा का पहला सत्र गत सोमवार को शुरू हुआ और राज्यसभा का 264वां सत्र 27 जून से शुरू होगा। मुर्मू राष्ट्रपति भवन से घुड़सवार अंगरक्षकों के साथ संसद भवन पहुंचेंगी।
सदन में लगाया जाएगा राजदंड ‘सेंगोल’
प्रधानमंत्री मोदी और लोकसभा तथा राज्यसभा के पीठासीन अधिकारी संसद भवन के गज द्वार पर उनका स्वागत करेंगे, जहां से उन्हें पारंपरिक राजदंड ‘सेंगोल’ की अगुवाई में निचले सदन के कक्ष तक ले जाया जाएगा। संविधान के अनुच्छेद 87 के अनुसार, राष्ट्रपति को प्रत्येक लोकसभा चुनाव के बाद सत्र की शुरुआत में संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करना आवश्यक है। राष्ट्रपति द्वारा हर साल संसद के पहले सत्र में दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को भी संबोधित किया जाता है।
राष्ट्रपति के अभिभाषण के माध्यम से सरकार अपने कार्यक्रमों और नीतियों की रूपरेखा बताती है। यह अभिभाषण पिछले वर्ष सरकार द्वारा उठाए गए कदमों पर भी प्रकाश डालता है और आगामी वर्ष के लिए प्राथमिकताओं को बताता है। मुर्मू के अभिभाषण के बाद सत्तारूढ़ दल संसद के दोनों सदनों में धन्यवाद प्रस्ताव पेश करेगा जिस पर सदस्य चर्चा करेंगे।
इन मुद्दों पर सरकार को घेरने की तैयारी
प्रधानमंत्री मोदी दो या तीन जुलाई को धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब दे सकते हैं। माना जा रहा है कि मुर्मू अपने अभिभाषण में पिछले 10 वर्षों में मोदी सरकार की नीतियों का उल्लेख करेंगी, जिसमें अर्थव्यवस्था, रक्षा, स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और सामाजिक कल्याण जैसे विभिन्न क्षेत्रों में उपलब्धियों को शामिल किया जाएगा। विपक्ष नीट-यूजी में कथित अनियमितताओं, यूजीसी-नेट को रद्द करने, जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी हमलों, देश में ट्रेन दुर्घटनाओं और आवश्यक वस्तुओं की बढ़ती कीमतों जैसे कई मुद्दों पर सरकार को घेरने की तैयारी में है।
हाल में हुए आम चुनाव में सत्तारूढ़ भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन ने 293 सीट जीतकर लगातार तीसरी बार सत्ता बरकरार रखी, हालांकि यह संख्या भाजपा की उम्मीदों से काफी कम है क्योंकि वह सत्तारूढ़ गठबंधन के लिए 400 से अधिक सीट की उम्मीद कर रही थी। चुनाव में विपक्ष मजबूत होकर उभरा है और ‘इंडिया’ गठबंधन ने 234 सीट जीतीं, जिसमें कांग्रेस की 99 सीट शामिल हैं जो 2019 में जीती गईं 52 सीट से लगभग दोगुनी हैं।
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