नई दिल्ली । भारत से लाखों की संख्या में छात्र पढ़ने के लिए ऑस्ट्रेलिया जाते हैं. लाखों भारतीय ऑस्ट्रेलिया में रहकर वहां काम करते हैं. लेकिन ऑस्ट्रेलिया सरकार के एक फैसले से भारतीय छात्रों की परेशानी बढ़ने वाली है. ऑस्ट्रेलिया अपने वीजा और प्रवासन नियमों को कड़ा कर रहा है जिससे भारत में चिंताएं बढ़ गई हैं. ऑस्ट्रेलिया ने सोमवार को कहा कि वह अंतरराष्ट्रीय छात्रों और कम-कुशल श्रमिकों के लिए वीजा नियमों को कड़ा कर रहा है. इस कदम का उद्देश्य अगले दो सालों में ऑस्ट्रेलिया में प्रवासियों की संख्या को आधा करना है.
एक रिपोर्ट के मुताबिक, नई नीतियों के तहत, अंतरराष्ट्रीय छात्रों को अंग्रेजी परीक्षाओं में उच्च रेटिंग प्राप्त करने की जरूरत होगी. इसके साथ ही जो छात्र ऑस्ट्रेलिया में लंबे वक्त के लिए रहना चाहते हैं, दूसरी बार वीजा अप्लाई करने पर उसकी गहनता से जांच होगी.
ऑस्ट्रेलिया के गृह मंत्री क्लेयल ओ’नील ने एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा, ‘हमारी रणनीति बढ़ती प्रवासन संख्या को वापस से सामान्य कर देगी. लेकिन यह सिर्फ प्रवासन की संख्या को लेकर नहीं है बल्कि यह ऑस्ट्रेलिया के भविष्य के बारे में है.’
ऑस्ट्रेलिया प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने पिछले हफ्ते कहा था कि ऑस्ट्रेलिया की प्रवासन संख्या को ‘टिकाऊ स्तर’ पर वापस लाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि प्रवासन को लेकर एक सिस्टम बनाया गया था जो कि टूट गया है.
वहीं, ओ’नील ने कहा कि सरकार ने विदेशियों की संख्या को कम करने के लिए पहले से ही कुछ सुधार किए हैं जो कि प्रभावी हैं और उससे प्रवासियों की संख्या में गिरावट होगी.
ऑस्ट्रेलिया में प्रवासियों की बाढ़
ऑस्ट्रेलिया ने अपने वीजा नियमों को कड़ा करने का फैसला 2022-23 में शुद्ध आव्रजन के रिकॉर्ड 510,000 तक पहुंचने के बाद लिया है. ओ’नील ने कहा कि 2022-23 में प्रवासन में यह बढ़ोतरी अंतरराष्ट्रीय छात्रों के कारण आई है.
बड़ी संख्या में भारतीय छात्र जाते हैं ऑस्ट्रेलिया
भारत से हर साल बड़ी संख्या में छात्र पढ़ने के लिए ऑस्ट्रेलिया का रुख करते हैं. ग्लोबल डाटा और बिजनेस इंटेलिजेस प्लेटफॉर्म Statista की एक रिपोर्ट के मुताबिक, जुलाई 2023 तक ऑस्ट्रेलिया में 118,869 भारतीय छात्र पढ़ाई कर रहे थे.
ऑस्ट्रेलिया में रह रहे भारतीयों की संख्या में भी तेजी से बढ़ोतरी देखने को मिली है. ऑस्ट्रेलियाई गृह मंत्रालय की वेबसाइट के मुताबिक, जून 2021 के अंत तक 710,380 भारतीय मूल के लोग ऑस्ट्रेलिया में रह रहे थे. 30 जून 2011 में यह संख्या आधे से भी कम (337,120) थी. ब्रिटेन के बाद ऑस्ट्रेलिया में सबसे अधिक भारतीय मूल के लोग रहते हैं
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