आज के इस प्रदूषण भरे व कोरोना वायरस के समय में स्वस्थ्य संबंधित कई चुनौतियों का सामना करना पढ़ रहा है । इसके साथ ही दीपावली व सर्दियों की वजह से प्रदूषण तीव्र गति से बढ़ गया है । कोरोना वायरस महामारी के बीच ये समस्या और भी गंभीर रूप ले सकती है। खासतौर पर दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों में रहने वाले लोग चारों तरफ से बीमारियों से घिरे हुए हैं। एक तरफ ठंड के मौसम के साथ सर्दी-ज़ुकाम और फ्लू एक आम इंफेक्श है, तो दूसरी ओर प्रदूषण और कोरोना वायरस भी फेफड़ों पर ही अटैक करते हैं।
हालांकि, डॉक्टर और पल्मोनोलोजिस्ट इस बात से हैरान नहीं हैं कि COPD के मामले बढ़ रहे हैं। उनका कहना है कि जिन लोगों ने कभी धूम्रपान नहीं किया है आजकल उन्हें भी आजकल COPD होना आम बात हो गई है। उनका कहना है कि पिछले 2-3 सालों में ऐसे कई मामले सामने आए हैं।
डॉक्टर का कहना है कि जो लोग धूम्रपान नहीं करते लेकिन ऐसी जगह रहते हैं जहां बायोमास ईंधन या फिर औद्योगिक प्रदूषण है, उन्हें भी COPD हो जाता है। हालांकि, जो मरीज़ आजकल आ रहे हैं उनके साथ ये समस्या भी नहीं है। हमें लगता है कि ज़्यादा देर प्रदूषण में रहने से भी COPD होना आम हो गया है।
क्या है COPD
COPD फेफड़ों की एक ऐसी प्रगतिशील बीमारी है जो सांस की तकलीफ का कारण भी बनती है और जानलेवा भी साबित हो सकती है। हवा में प्रदूषण और धूम्रपान इस बीमारी को और गंभीर बना सकता है, यहां तक कि इसे ठीक होने से रोकता भी है।
यह संभव है कि हवा में मौजूद प्रदूषकों में ज़्यादा देर रहने से इस बीमारी का जोखिम बढ़ सकता है। छोटे बच्चे जो दिल्ली जैसे शहर में रह रहे हैं, जहां पूरे साल प्रदूषण का स्तर खतरनाक लेवेल पर रहता है, उन्हें इस बीमारी के होने का सबसे ज़्यादा ख़तरा है।
COPD के प्रमुख लक्षण हो सकतें हैं –
-सांस लेने में दिक्कत
-खांसी
-जुकाम और फ्लू
-सीने में जकड़न
-वज़न घटना
-पैरों में सूजन
COPD के कारण
-तनाव
-सांस प्रणाली में संक्रमण
-दिल की समस्या
-फेफड़ों का कैंसर
नोट- उपरोक्त दी गई जानकारी व सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं इन्हें किसी प्रोफेशनल डॉक्टर की सलाह के रूप में न लें कोई भी परेंशानी या बीमारी की स्थ्िति हो तो तुरंत डॉक्टर को दिखायें ।
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