लखनऊ: कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव और उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) ने उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election 2022) को लेकर महिलाओं के लिए पार्टी का अलग घोषणापत्र (Congress Manifesto for Women) जारी किया. कांग्रेस ने इस घोषणापत्र का नाम ‘शक्ति विधान’ रखा है. कांग्रेस ने इस घोषणापत्र में 12वीं में पढ़ने वाली प्रत्येक छात्रा को स्मार्टफोन और ग्रेजुएशन कर रही लड़कियों को फ्री स्कूटी देने जैसे कई बड़े वादे किए.
प्रियंका गांधी ने महिलाओं के लिए कांग्रेस का घोषणापत्र जारी करते हुए कहा, ‘हम राजनीति में 40% महिलाओं की हिस्सेदारी देंगे. यूपी में कामकाजी महिलाओं की 9.4% भागीदारी है. हम 20 लाख में से 8 लाख महिलाओं को सरकारी नौकरी देंगे. 50 लाख तक का व्यवसाय करने वाली महिलाओं को टैक्स में छूट मिलेगी. आंगनबाड़ी और आशा बहुओं को 10 हजार रुपये प्रतिमाह मानदेय देंगे. 50% राशन की दुकानों का प्रबंध महिलाओ को मिलेगा. 10+2 छात्राओं को स्मार्ट फोन दिया जाएगा और स्नातक में पढ़ने वाली छात्राओं को फ्री स्कूटी दी जाएगी.’
बच्ची के जन्म पर एफडी, वृद्धा-विधवा पेंशन की रकम में इजाफा
इसके साथ ही उन्होंने ऐलान किया, ‘यूपी में वीरांगनाओ के नाम पर 75% दक्षता विद्यालय बनेंगे. सरकारी बसों में मुफ्त यात्रा की सुविधा मिलेगी. प्रत्येक ग्राम पंचायत में महिला पंचायत का निर्माण होगा. 1 हजार रुपये प्रति माह वृद्धा-विधवा पेंशन मिलेगी. गरीब परिवारों को मुफ्त इंटरनेट मिलेगा. हर बच्ची के पैदा होने पर एफडी करवाई जाएगी.’
प्रियंका गांधी ने घोषणापत्र जारी करते हुए कहा, ‘महिलाएं अब अन्याय सहने को तैयार नहीं हैं. इसलिए हमने महिला घोषणापत्र बनाया है. इसके छह हिस्से हैं: स्वाभिमान, स्वावलंबन, शिक्षा, सम्मान, सुरक्षा और सेहत.’ उन्होंने कहा कि ये घोषणापत्र प्रदेश की महिलाओं की आशाओं-आकांक्षाओं की सामूहिक अभिव्यक्ति है जो वर्तमान सरकार में अभूतपूर्व हिंसा, शोषण व सरकार की महिला विरोधी विचारधारा का सामना कर रही हैं.
प्रियंका गांधी ने इससे पहले ट्वीट कर कहा, ‘यह महिला घोषणा पत्र (शक्ति विधान) महिला सशक्तिकरण और राजनीति में महिलाओं की भूमिका के लिए मील का पत्थर बनेगा. पिछले कई महीने में यूपी कांग्रेस ने प्रदेश भर की महिलाओं से सलाह-मशविरा किया और उनके लिए एक नई राह बनाने का खाका तैयार किया. शक्ति विधान गृहणियों, कॉलेज की लड़कियों, आशा व आंगनबाड़ी बहनों, स्वयं-सहायता समूह की बहनों, शिक्षिकाओं और प्रोफेशनल महिलाओं की आवाज़ का प्रतिबिंब है.’
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