नई दिल्ली । लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला (Lok Sabha speaker Om Birla)ने शनिवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी(Congress leader Rahul Gandhi) से सदन में फोन का उपयोग(Phone use) न करने की अपील की। यह अनुरोध उन्होंने उस समय किया जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संविधान को अंगीकार किए जाने की 75वीं वर्षगांठ पर हो रही बहस को संबोधित कर रहे थे। राहुल गांधी सदन में विपक्षी खेमे की तरफ अगली पंक्ति में बैठे थे। वह अक्सर अपने फोन पर ध्यान दे रहे थे और दूसरे नेताओं से बातचीत कर रहे थे।
इस दौरान उनकी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा ध्यान से प्रधानमंत्री का भाषण सुन रही थीं। उन्होंने हेडफोन लगाकर पीएम मोदी की बातों को ध्यानपूर्वक सुना। वहीं लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष प्रधानमंत्री मोदी के आधे घंटे के भाषण के बाद ही सदन में लौटे। लोकसभा अध्यक्ष ने राहुल गांधी को सदन के बीच में फोन का उपयोग न करने की सलाह दी।
आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को आरोप लगाया कि कांग्रेस ने ‘खून चखने’ के बाद संविधान को बार-बार ‘लहूलुहान’ किया जबकि 2014 में सत्ता संभालने के बाद से उनकी सरकार की नीतियों और फैसलों का उद्देश्य संविधान की दृष्टि के अनुरूप भारत की ताकत और एकता को बढ़ावा देना है। उन्होंने भारतीय संविधान की 75 साल की यात्रा को ‘असाधारण’ करार दिया और विपक्ष, खासकर कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि इस दौरान 55 साल ‘एक ही परिवार’ ने राज किया, जिसने देश का संविधान छिन्न-भिन्न करते हुए आपातकाल लगाया, अदालत के ‘पंख’ काट दिए और संसद का ‘गला घोंटने’ तक का काम किया।
‘संविधान के 75 वर्ष की गौरवशाली यात्रा’ पर लोकसभा में हुई चर्चा का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए संविधान और उसकी पवित्रता व शुचिता सर्वोपरि है और यह सिर्फ शब्दों तक सीमित नहीं है। पीएम मोदी ने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकारों पर निशाना साधते हुए उन पर देश की विविधता में ‘जहरीले’ बीज बोने का आरोप लगाया ताकि देश में विरोधाभासों को बल मिल सके और उसकी एकता को नुकसान पहुंचे।
उन्होंने कहा, ‘‘संविधान का दुरुपयोग करना और उसकी आत्मा को नष्ट करना कांग्रेस के डीएनए का हिस्सा रहा है। हमारे लिए संविधान, इसकी पवित्रता और इसकी अखंडता का सबसे बड़ा महत्व है। ये सब सिर्फ शब्दों में नहीं है… जब-जब हमे कसौटी पर कसा गया, तब-तब पाया गया कि हम तप करके निकले हुए लोग हैं…।’’
कांग्रेस और गांधी-नेहरू परिवार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि इस यात्रा में पचपन साल तक एक परिवार ने राज किया और इस परिवार की कुविचार, कुरीति और कुनीति की परंपरा निरंतर चल रही है। उन्होंने कहा, ‘‘75 साल की इस यात्रा में 55 साल, एक ही परिवार ने राज किया है। जब भारत अपने संविधान के 25 साल मना रहा था, तब हमारे देश का संविधान छिन्न-भिन्न कर दिया गया था। आपातकाल लगा दिया गया! संवैधानिक प्रावधानों को निलंबित कर दिया गया था! देश को जेल में बदल दिया गया, नागरिकों के अधिकार छीन लिए गए और प्रेस की स्वतंत्रता पर अंकुश लगा दिया गया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस के माथे पर ये जो पाप है, ये कभी भी धुलने वाला नहीं है! जब भी दुनिया में ‘लोकतंत्र’ की चर्चा होगी, कांग्रेस का यह पाप ही याद किया जाएगा…।’’ कांग्रेस पर निरंतर संविधान की अवमानना का आरोप लगाते हुए मोदी ने कहा कि प्रमुख विपक्षी पार्टी ने संविधान के महत्व को कम किया और इस संबंध में उसका इतिहास अनेक उदाहरणों से भरा पड़ा है।
उन्होंने प्रधानमंत्री रहते हुए जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी द्वारा लिए गए कई फैसलों का हवाला देते हुए कहा कि परिवार ने ‘खून का स्वाद’ चखते हुए संविधान को बार-बार घायल किया।
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