नई दिल्ली। बॉलीवुड-हॉलीवुड एक्ट्रेस प्रियंका चोपड़ा की हाल ही में किताब ‘अनफिनिश्ड’ लॉन्च हुई है। मिस वर्ल्ड (2000) का खिताब जीतने से लेकर ग्लोबल आयकन बनने तक के सफर पर उन्होंने चीजें लिखी हैं। साथ ही उन्होंने उन चीजों के बारे में भी बताया है जो उनके दिल के करीब रहीं और किसी को जिनके बारे में पता नहीं है। इस किताब में प्रियंका चोपड़ा ने अपने डिप्रेशन में जाने की बात भी लिखी है। पिता अशोक चोपड़ा के निधन के बाद वह डिप्रेशन में आ गई थीं।
डॉ. अशोक चोपड़ा जो इंडियन आर्मी में फिजिशियन रहे, इनका निधन 10 जून, 2013 में हुआ था। कैंसर के चलते 62 साल की उम्र में उन्होंने दम तोड़ दिया था। प्रियंका फिल्म ‘मैरी कॉम’ की शूटिंग शुरू करने वाली थीं। काम का इस्तेमाल उन्होंने थेरेपी की तरह किया, जिससे वह अपने पिता के निधन की बात से बाहर आ सकें। प्रियंका लिखती हैं कि डैड के निधन के पांच दिन बाद, पिता के चौथे वाले दिन से मेरी फिल्म की शूटिंग शुरू होनी थी।
हालांकि, फिल्म के निर्देशन संजय लीला भंसाली ने मुझे शूटिंग को री-शिड्यूल करने के लिए कहा, लेकिन मैंने इनकार कर दिया। मेरे पिता से जो मुझे ड्यूटी के प्रति सम्मान और अनुशासन मिला है, वह मुझे इजाजत नहीं दे रहा था कि शूटिंग में देरी हो। पिता, 27 साल मिलिट्री में रहे।प्रियंका आगे कहती हैं कि हमेशा की तरह काम मेरे लिए एक थेरेपी की तरह रहा है। मैं अपना 100 फीसदी मन उस किरदार को देती हूं, जिस पर मैं काम कर रही होती हूं। यह एक किक रहती है मेरे लिए जो आसानी से चीजें करने के लिए मुझे प्रेरित करती है।
प्रियंका कहती हैं कि मैंने सोचा था कि मैं सारे दुख अपने पीछे ही छोड़ जाऊंगी जब मैं कनाडा के लिए रवाना हाऊंगी, लेकिन मैं डिप्रेशन में चली गई। मुझे लगा मैं अपने दुख से बाहर आ चुकी हूं, लेकिन नहीं, मैं अभी भी उसे अपने साथ रखे हुई थी। मुझे समझ नहीं आ रहा था कि मैं एक सलेटी रंग की दुनिया से कैसे रंग-बिरंगी दुनिया की ओर बढ़ूं। फिर मैंने एक दिन एक आसान चीज ढूंढ़ी, वह यह थी कि मैं छुपना बंद करूं और लाइफ के साथ आगे बढ़ूं।
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