नई दिल्ली: कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी (Congress leader Adhir Ranjan Chowdhary) के खिलाफ विशेषाधिकार समिति (Privileges Committee) की बैठक खत्म हो चुकी है. सूत्रों के मुताबिक विशेषाधिकार हनन के आरोपों में घिरे कांग्रेस के नेता अधीर रंजन को अपना पक्ष रखने का मौका दिया जाएगा. अधीर को समिति की अगली बैठक (next meeting) के सामने बुलाया जा सकता है. जहां वो इस मामले में अपना पक्ष रख सकते हैं. अधीर रंजन चौधरी को संसद के मानसून सत्र (Monsoon Session of Parliament) के दौरान एक दिन के लिए निलंबित (Suspended) कर दिया गया था.
30 अगस्त को अगली बैठक
आज (18 अगस्त) की बैठक में अधीर रंजन के खिलाफ जो शिकायत दी गई है उस पर नियमों के हिसाब से चर्चा की गई. अधीर पर सदन की गरिमा के खिलाफ काम करने का आरोप है. विशेषाधिकार समिति की अगली बैठक 30 अगस्त को होगी.
पीएम मोदी को लेकर क्या बोले थे अधीर रंजन?
दरअसल संसद में विपक्ष की तरफ से लाए गए अविश्वास प्रस्ताव के दौरान जब अधीर रंजन चौधरी को बोलने का मौका मिला तो उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने मणिपुर हिंसा का जिक्र करते हुए पीएम मोदी की तुलना अंधे राजा से कर दी.
उन्होंने संसद में कहा था, “मौजूदा हालात में मुझे ये बोलने की इच्छा हो रही है कि जब राजा अंधा होता है, धृतराष्ट्र जब अंधे थे तब द्रौपदी का चीरहरण हुआ था. आज भी राजा अंधे बैठे हैं. इसीलिए जहां राजा अंधा बैठा रहता है, चाहे वो हस्तिनापुर हो या फिर मणिपुर वहां द्रौपदी का वस्त्रहरण होता है.” जिसके बाद उन्हें सस्पेंड कर दिया गया.
अधीर रंजन चौधरी ने अपनी सफाई के दौरान कहा था कि उनका मकसद पीएम का अपमान करने का नहीं था. हालांकि संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने उनके खिलाफ निलंबन प्रस्ताव लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को दिया, जिसके बाद स्पीकर ने अधीर रंजन को एक दिन के लिए निलंबित कर दिया. इसी मामले में अब विशेषाधिकार समिति की जांच जारी है.
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