नई दिल्ली. राज्यसभा (Rajya Sabha) में कांग्रेस (Congress) की ओर से केंद्रीय गृह मंत्री (Home Minister) अमित शाह (Amit Shah) के खिलाफ लाए गए विशेषाधिकार हनन (Privilege breach notice) के नोटिस को सभापति जगदीप धनखड़ ने खारिज कर दिया। सभापति ने कहा कि गृह मंत्री ने कोई उल्लंघन नहीं किया है। उन्होंने अपने बयान को प्रमाणित करने के लिए 1948 की एक सरकारी प्रेस विज्ञप्ति का हवाला दिया था। इसमें कहा गया था कि एक कांग्रेस नेता प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष के प्रबंधन का हिस्सा थे।
मंगलवार को आपदा प्रबंधन विधेयक 2024 पर बहस के जवाब के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि कांग्रेस के शासनकाल में पीएम राहत कोष बनाया गया था और इस सरकार के कार्यकाल के दौरान, पीएम केयर फंड शुरू किया गया। कांग्रेस के शासनकाल में इस फंड पर सिर्फ एक परिवार का नियंत्रण था।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी पर आरोप लगाने के लिए शाह के खिलाफ नोटिस पेश किया। यह विशेषाधिकार हनन का नोटिस राज्य सभा के प्रक्रिया एवं कार्य संचालन के नियम 188 के तहत दिया गया है। नोटिस में कहा गया कि चर्चा के दौरान भले ही गृह मंत्री ने सोनिया गांधी का नाम नहीं लिया, लेकिन उन्होंने सोनिया गांधी का उल्लेख किया और प्रधानमंत्री राहत कोष (एनपीएमआरएफ) के कामकाज को लेकर आरोप लगाया। कांग्रेस ने गृह मंत्री पर सोनिया गांधी की प्रतिष्ठा को धूमिल करने का आरोप लगाया।
इस पर सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि अमित शाह ने आपदा प्रबंधन विधेयक 2024 पर बहस का जवाब देते हुए कुछ टिप्पणियां करने के बाद अपने बयान को प्रमाणित किया था। गृह मंत्री ने 24 जनवरी 1998 को भारत सरकार के प्रेस सूचना ब्यूरो द्वारा जारी एक प्रेस बयान का हवाला दिया। इसमें तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने पीएमएनआरएफ शुरू करने की घोषणा की थी, जिसे प्रधानमंत्री, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष और कुछ अन्य लोगों की एक समिति द्वारा प्रबंधित किया जाना था। मैंने इसे ध्यान से पढ़ा है। मुझे लगता है कि कोई उल्लंघन नहीं हुआ है।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved