नई दिल्ली। राज्यसभा (Rajya Sabha) ने भारी हंगामे के बीच बुधवार को साधारण बीमा कारोबार (राष्ट्रीयकरण) संशोधन विधेयक, 2021 (General Insurance Business (Nationalisation) Amendment Bill, 2021) को मंजूरी दे दी है। इससे जीवन बीमा निगम (एलआईसी) जैसी सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनियों में ज्यादा निजी भागीदारी को सुगम बनाने का मार्ग प्रशस्त हो गया। विपक्षी दलों के सदस्यों ने विधेयक को पारित किए जाने का विरोध करने के साथ इसे सदन की प्रवर समिति में भेजे जाने की मांग की लेकिन सदन ने उनके अनुरोध को खारिज कर दिया।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने साधारण बीमा कारोबार (राष्ट्रीयकरण) संशोधन विधेयक, 2021 को पारित किए जाने का प्रस्ताव किया और सदन ने संक्षिप्त चर्चा के बाद ध्वनिमत से विधेयक को मंजूरी प्रदान कर दी। इस दौरान कई विपक्षी सदस्य आसन के समीप आकर सरकार के खिलाफ नारे लगा रहे थे। लोकसभा में यह विधेयक पहले ही पारित कर चुकी है।
इस विधयेक में क्या है प्रावधान
इस विधेयक के जरिए साधारण बीमा कारोबार (राष्ट्रीयकरण) अधिनियम में संशोधन किया जा रहा है। यह अधिनियम 1972 में लागू हुआ था और इसमें साधारण बीमा कारोबार के विकास के जरिए अर्थव्यवस्था की जरूरतों को बेहतर तरीके से पूरा करने के लिए भारतीय बीमा कंपनियों और अन्य मौजूदा बीमा कंपनियों के उपक्रमों के शेयरों के अधिग्रहण और हस्तांतरण की अनुमति का प्रावधान किया गया था लेकिन सरकार एलआईसी का आईपीओ लाने की तैयारी में है। इस विधेयक के पारित होने से उसका रास्ता साफ हो गया है।
उल्लेखनीय है कि इस विधेयक के उद्देश्यों एवं कारणों में कहा गया है कि सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनियों में अधिक निजी भागीदारी का उपबंध करने, बीमा पहुंच में वृद्धि करने, सामाजिक संरक्षण एवं पालिसीधारकों के हितों को बेहतर रूप से सुरक्षित करने तथा अर्थव्यवस्था की तीव्र वृद्धि में अंशदान करने के लिए अधिनियम के कुछ उपबंधों का संशोधन करना जरूरी हो गया था। इसी के अनुरूप साधारण बीमा कारोबार (राष्ट्रीयकरण) संशोधन विधेयक, 2021 लाया गया है। (एजेंसी, हि.स.)
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