इन्दौर। सेतू बंधन योजना के तहत लगभग 300 करोड़ की लागत से एमपीआरडीसी द्वारा चार चौराहों पर फ्लायओवरों का निर्माण करवाया जा रहा है, जिसमें सत्यसांई, देवासनाका, मूसाखेड़ी और आईटी पार्क चौराहा शामिल है। इसके लिए केंद्र सरकार ने कुछ समय पूर्व राशि मंजूर की थी। अभी देवासनाका के सिक्स लेन फ्लायओवर के लिए निजी जमीनों का अधिग्रहण भी प्रशासन द्वारा करवाया जा रहा है। लगभग 4 लाख स्क्वेयर फीट से अधिक जमीन अधिग्रहित की जाना है, जिसमें हिन्दुस्तान पेट्रोलियम के साथ कुल 14 जमीन मालिक शामिल हैं, जिन्हें नोटिस जारी कर 30 दिन में अपनी आपत्तियों को प्रस्तुत करने का समय दिया गया है।
देवासनाका निरंजनपुर में इस फ्लायओवर निर्माण की तैयारी भी एमपीआरडीसी ने सुरू कर दी है और कुछ समय पहले बीआरटीएस कारिडोर की रैलिंग भी हटा दी और मौके पर काम शुरू किया गया है। दरअसल केंद्र सरकार के परिवहन मंत्रालय ने कुछ समय पूर्व इन्दौर सहित प्रदेश में सेतू बंधन योजना के तहत कई फ्लायओवरों की मंजूरी दी थी। इसमें इन्दौर में देवासनाका, सत्यसांई चौराहा, आईटी पार्क खंडवा रोड और मूसाखेड़ी चौराहे पर यह सिक्स लेन के फ्लायओवर बनना है। लगभग 300 करोड़ रुपये की लागत इन पर आएगी और इसका जिम्मा मप्र सडक़ विकास निगम यानी एमपीआरडीसी को सौंपा गया है। पिछले दिनों बीआरटीएस की रैलिंग हटाकर मौके पर काम भी शुरू किया गया तो दूसरी तरफ देवासनाका फ्लायओवर के लिए निजी जमीनों के अधिग्रहण की प्रक्रिया भी कलेक्टर आशीषसिंह ने शुरू करा दी, जिसके चलते फ्लायओवर के निर्माण के लिए जो निजी जमीनें अधिग्रहित की जाना है, उनके मालिकों से आपत्तियां आमंत्रित की गई है।
अनुविभागीय अधिकारी और भू-अर्जन अधिकारी जूनी इन्दौर ने संभागीय प्रबंधक एमपीआरडीसी के प्रस्ताव के आधार पर भू-अर्जन की यह प्रक्रिया शुरू की है, जिसमें निरंजनपुर ग्राम की 0.38982 हेक्टेयर जमीन का अर्जन किया जाना है, जिसमें एक जमीन कृषि तो अधिकांश जमीन व्यावसायिक और कुछ आवासीय उपयोग की है, जिसमें हिन्दुस्तान पेट्रोलियम के अलावा यास्मीन मलिक, हाशिम मलिक, इसहाक, मुस्तफा सहित अन्य जमीन मालिक तो हैं ही, वहीं डायमंड ट्रांसपोर्ट कार्पोरेशन के साथ आरआर इंडस्ट्रीज, जिनाइन बिल्डकॉन, आदीनाथ डेवलपर्स के अलावा 6 अन्य जमीनें जिनाइन बिल्डकॉन प्रा.लि. दीपक अरविन्द पटेल के नाम राजस्व रिकार्ड में अंकित है। एक जमीन रामचन्द्र दीक्षित जावरा कम्पाउंड की भी इसमें शामिल है। इन 14 जमीन मालिकों की चार लाख स्क्वेयर फीट से अधिक जमीनों का अधिग्रहण सिक्स लेन फ्लायओवर निर्माण के लिए किया जाना है। अब इन निजी जमीनों के बदले या तो टीडीआर सर्टिफिकेट का लाभ दिया जाएगा अथवा नकद मुआवजा, जो कि हालांकि अत्यधिक महंगा साबित होगा। संभव है कि यह जमीन मालिक इस भूअर्जन की प्रक्रिया को अदालती चुनौती भी दें। यह भी उल्लेखनीय है कि एमपीआरडीसी के इन चार फ्लायओवरों के अलावा शहर में एक दर्जन अन्य फ्लायओवरों का निर्माण भी चल रहा है। इसमें राऊ चौराहा, एमआर 10 सहित बायपास व अन्य जगह नेशनल हाईवे इनका निर्माण कर रहा है तो चार अन्य प्रमुख शहरी चौराहों पर फ्लायओवर का निर्माण इ्दौर विकास प्राधिकरण द्वारा भी किया जा रहा है, जिसमें खजराना भंवरकुआं, फूटीकोठी और लवकुश चौराहा प्रमुख है। लगभग 200 करोड़ रुपये के इन चारों फ्लायओवरों का निर्माण प्राधिकरण इस साल के अंत तक पूरा कर लेगा। इन तमाम एक दर्जन से अधिक फ्लायओवरों के निर्माण के बाद शहर का यातायात सुगम होने की उम्मीद है। फिलहाल तो दो से तीन वर्ष निर्माण कार्यों के चलते यातायात जगह-जगह अनवरुद्ध भी होता है, क्योंकि इन फ्लायओवरों के अलावा मेट्रो प्रोजेक्ट का भी बीच शहर में चल रहा है। सुपर कॉरिडोर से लेकर विजयनगर, रोबोट चौराहा और वहां से खजराना चौराहे तक मेट्रो प्रोजेक्ट का काम इन दिनों जारी हैा।
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