भोपाल। वैश्विक महामारी कोरोना के इलाज के नाम पर प्रदेश की आम जनता से लूट न हो इसलिए मध्य प्रदेश सरकार (Government of Madhya Pradesh) ने बड़ा फैसला लिया है। राज्य सरकार ने करोना मरीजों के इलाज के लिए प्रदेश के विभिन्न प्राइवेट अस्पतालों में रेट तय (Rate fixed in private hospitals) कर दिए हैं. जिसका पालन सभी प्राइवेट अस्पतालों को करना होगा।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने निजी स्वास्थ्य संस्थानों में कोविड-19 संक्रमित रोगियों के उपचार की दरें पुनर्निर्धारित कर दी है। गैर आयुष्मान योजना हितग्राही श्रेणी के किसी भी स्वास्थ्य बीमा उत्पाद/किसी भी द्विपक्षीय अनुबंध/एम.ओ.यू. और निजी कार्पोरेट समूह या रोगी में शामिल न होने वाले कोविड रोगियों का उपचार इन नयी पुनर्निर्धारित दरों के अंतर्गत ही प्रदेश में किया जा सकेगा। पुनर्निर्धारित दरें इस प्रकार हैं –
पैकेज | प्रतिदिन अधिकतम ली जा सकने वाली राशि | |
1. | जनरल वार्ड + आईसोलेशन | 5000/- |
2. | एचडीयू + आईसोलेशन | 7500/- |
3. | बिना वेंटिलेशन आईसीयू + आईसोलेशन | 10,000/- |
4. | आईसीयू में वेंटिलेशन तथा आईसोलेशन के लिये (एनआईव्ही/इनवेसिव वेंटिलेशन) | 17,000/- |
शामिल (इन्क्लूजन)
उपरोक्त में 1. बेड शुल्क, 2. नर्सिंग शुल्क, 3. इन हाउस कंसलटेशन, 4. इन पेशिएन्ट डाइट, प्रोसीजर्स जैसे कि 5. राइल्स ट्यूब इनसर्शन, 6. यूरीनरी ट्रेक्ट केथेटराइजेशन, 7. पीपीई किटस8. कन्ज्यूमेबल्स, 9. ऑक्सीजन, 10. नेब्यूलाईजेशन, 11. फिजियोथेरेपी, शामिल रहेंगे।
छूट (एक्सक्लूजन)
1. बाहरी विशेषज्ञ से परामर्श।
2. जाँचें।
3. कोविड टेस्टिंग – राज्य सरकार के आदेश दिनांक 5 अप्रैल 2021 के अनुसार वास्तविक लागत (3) इम्यूनो – ग्लोबूलिन्स, रेमडेसिविर, टोसिलिजुमाब, इन्जेक्शन एम्फोटेरेसिन-बी, पोसोकॉनाजोल इत्यादि ऑषधियाँ, एमआरपी के आधार पर चार्ज की जायेंगी। (5) उच्च स्तरीय जाँचे यथा चेस्ट सीटी/एचआरसीटी स्कैन के लिए मध्यप्रदेश सरकार द्वारा 23 अप्रैल 2021 को जारी आदेश के अनुसार ही चार्ज किया जायेगा। (6) शल्य चिकित्सा (कोई हो तो)।
उल्लेखनीय है कि स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग ने पिछले वर्ष भी 29 फरवरी 2020 को सभी नर्सिंग होम्स और चिकित्सा संस्थानों के लिये कोविड-19 संक्रमित रोगियों की उपचार की दरें निर्धारित की थी। उस समय की दरों में नर्सिंग होम्स और चिकित्सा संस्थानों में पूर्व में प्रचलित उपचार और जाँच दरों में 40 प्रतिशत का इजाफा कर कोविड-19 रोगियों के उपचार की दरें निर्धारित की गई थी। इन दरों को सभी नर्सिंग होम्स और चिकित्सा संस्थानों को अनिवार्य रूप से अपने रजिस्ट्रेशन काउण्टर पर प्रदर्शित करने की व्यवस्था की गई थी। साथ ही सार्थक पोर्टल पर भी इन दरों का प्रदर्शन सुनिश्चित किया गया था।
पिछले एक वर्ष के दौरान कोविड-19 संक्रमित रोगियों से नर्सिंग होम्स और चिकित्सा संस्थानों द्वारा निर्धारित दरों से अधिक दरों पर उपचार और जाँच आदि का शुल्क वसूले जाने के प्रकरण सामने आने पर यह आवश्यक हो गया था कि फरवरी 2020 में निर्धारित उपचार दरों का पुनरीक्षण किया जाये। पुनरीक्षण के लिये मई 2021 में एक चार सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति गठित की गई। इस समिति ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन, नर्सिंग होम एसोसिएशन, विधिक क्षेत्र के प्रतिनिधियों और प्रदेश के अनेक निजी चिकित्सकों से नर्सिंग होम्स और चिकित्सा संस्थानों का पक्ष जानने के संबंध में विस्तृत चर्चा की। समिति द्वारा 28 मई 2021 को इस संबंध में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की गई।
प्रदेश के लोगों के हितों के मद्देनजर उच्च स्तरीय समिति द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट के परीक्षण के बाद राज्य शासन इस नतीजे पर पहुँचा कि प्रदेश में लोगों के कोविड-19 के उपचार की दरों की उच्चतम सीमा (सीलिंग) निर्धारित की जाये।
इसी के मद्देनजर इस संबंध में सभी कानूनों, प्रावधानों, नियमों और निर्देशों से प्राप्त शक्तियों के अन्तर्गत किसी भी तरह के स्वास्थ्य बीमा उत्पाद में शामिल न होने वाले रोगियों से स्वास्थ्य सेवा प्रदाता, नर्सिंग होम्स और चिकित्सा संस्थानों द्वारा उपचार के विरूद्ध वसूली जा रही अधिक राशि की रोकथाम के लिये नयी दरें निर्धारित कर लागू की गई।
आज जारी कोविड-19 संक्रमित रोगी के उपचार की इन पुनर्निर्धारित दरों को भी सभी नर्सिंग होम्स और चिकित्सा संस्थानों को अपने रजिस्ट्रेशन काउण्टर पर प्रदर्शित करना अनिवार्य होगा। साथ ही सार्थक पोर्टल पर भी पुनर्निर्धारित दरों को अनिवार्य रूप से प्रदर्शित किया जायेगा।
अगर किसी नर्सिंग होम और चिकित्सा संस्थान में कोविड-19 के उपचार की दरें पुनर्निर्धारित दरों से कम है, तो वे नयी दरें निर्धारित नहीं कर सकेंगे।
सभी नर्सिंग होम्स और चिकित्सा संस्थान, जिनकी दरें पुनर्निर्धारित दरों से अधिक है, वे 10 जून 2021 के बाद उनके यहाँ दाखिल होने वाले नये कोविड-19 संक्रमित रोगियों के उपचार के लिए अपनी दरें पुनर्निर्धारित कर सकेंगे। हालांकि वर्तमान में उपचाररत रोगियों के लिये उपचार पूरा होने तक प्रचलित दरें ही लागू होगी। किसी भी स्थिति में ऐसी अवधि 10 दिन से अधिक नहीं होगी।
किसी नर्सिंग होम या चिकित्सा संस्थान के पुनर्निर्धारित दरों से सहमत नहीं होने की स्थिति में वह आदेश जारी होने की तिथि से एक सप्ताह की अवधि में अपना औचित्यपूर्ण अभ्यावेदन सचिव-सह-स्वास्थ्य आयुक्त के समक्ष प्रस्तुत कर सकेगा।
कोविड-19 के उपचार के लिये वर्तमान में अधिकृत नर्सिंग होम और चिकित्सा संस्थान की वैद्यता 10 जून 2021 तक रहेगी। इसके बाद की अवधि के लिये ऐसे संस्थानों को नये सिरे से जिला कलेक्टर से अनुमति लेनी होगी।
नये नर्सिंग होम और ऐसे चिकित्सा संस्थान, जो पुनर्निर्धारित दरों पर कोविड-19 के उपचार के लिये इच्छुक है, को भी निर्धारित प्रपत्र में प्राधिकार प्राप्त करने के लिये जिला कलेक्टर को आवेदन देना होगा।
कोविड-19 के उपचार के लिए अधिकृत सभी नर्सिंग होम और चिकित्सा संस्थान के लिये आवश्यक होगा कि वे उपचारार्थ दाखिल कोविड-19 संक्रमित रोगियों की सभी जरूरी और निर्धारित प्रोटोकॉल आधारित नैदानिक और चिकित्सीय देखभाल योग्य, सुप्रशिक्षित और दक्ष स्टाफ से ही करवायें। ऐसे स्टाफ से ही मरीजों के आइसोलेशन, एचडीयू/आईसीयू/वेंटिलेटर बेड की श्रेणी भी निर्धारित करवायें।
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