भोपाल: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में प्राइवेट अस्पतालों (Private Hospitals) में इलाज (Treatment) और जांच के नाम पर हमेशा मनमानी राशि (Arbitrary Amount) लेने के आरोप लगते रहे हैं. लेकिन, अब इन पर लगाम लगाने का मध्य प्रदेश सरकार ने मन बना लिया है. अब एमपी के निजी अस्पताल प्रबंधन अपनी मनमानी नहीं कर पाएंगे, क्योंकि अब सरकार ने निजी प्राइवेट अस्पताल को ट्रीटमेंट और जांच की रेट लिस्ट (Price List) लगाने के निर्देश दिए हैं. प्राइवेट अस्पतालों में रेट लिस्ट लगाने के निर्देश स्वास्थ्य विभाग के आयुक्त की ओर स दिए गए हैं. मरीजों के अधिकार और हितों का संरक्षण सुनिश्चित करने के लिए यह कदम उठाया गया है.
स्वास्थ्य विभाग आयुक्त तरुण राठी ने आदेश जारी किया है. उन्होंने जारी किए गए आदेश में कहा कि सभी चिकित्सकीय सेवाओं की दर सूची रेट लिस्ट प्रमुखता से प्रदर्शित करें. स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा आयुक्त तरुण राठी ने साफ कहा है कि अस्पताल में काउंटर पर रेट लिस्ट लगाना अनिवार्य है.
स्वास्थ्य आयुक्त के अनुसार रोगी या उनके परिजनों द्वारा मांगे जाने पर अस्पताल मैनेजमेंट को रेट सूची दिखाना होगा. किसी अस्पताल को यदि रेट लिस्ट में संशोधन करना हो, तो इसकी सूचना मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी सीएमएचओ को देना होगा. संशोधित रेट लिस्ट को भी प्रमुखता से प्रदर्शित करना होगा.
आयुक्त की ओर से अपने निर्देशों में स्पष्ट किया गया है कि रेट लिस्ट के बिना अतिरिक्त शुल्क लेना नियमों का उल्लंघन है. अस्पतालों की ओर से मनमाने रेट वसूलने की घटनाओं को रोकने के लिए आयुक्त ने सीएमएचओ को लगातार निरीक्षण करने के भी निर्देश दिए हैं. आयुक्त ने स्पष्ट किया है कि जिन प्राइवेट अस्पतालों में रेट लिस्ट नहीं होगी उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
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