20 एकड़ जमीन अथॉरिटी को मिली मगर अभी तक काम शुरू नहीं हो पाया – आज सलाहकार समिति की बैठक
इंदौर। केन्द्र सरकार ने देश के सभी बड़े एयरपोर्ट दिल्ली-मुंबई की तर्ज पर निजी कम्पनियों से विकसित करवाने का निर्णय लिया है। इसी कड़ी में इंदौर एयरपोर्ट का विस्तार निजी कम्पनी से ही करवाया जाएगा। हालांकि पूर्व में अलग से 700 करोड़ रुपए से ज्यादा का प्रोजेक्ट एयरपोर्ट विस्तार के लिए बनाया गया था। अब केन्द्र सरकार का सोचना है कि जब निजी कम्पनी को ही देना है तो यह राशि क्यों खर्च की जाए। आज एयरपोर्ट सलाहकार समिति की शाम 4 बजे आयोजित बैठक में विस्तार से इस योजना पर चर्चा होगी, जिसमें मुख्य रूप से कुछ दिनों पूर्व शासन-प्रशासन से आवंटित 20 एकड़ जमीन के इस्तेमाल, कार्गो और वैकल्पिक मार्ग पर भी निर्णय लिए जाना है।
पहले तो 20 एकड़ जमीन दिए जाने के मामले में ही कई तरह के अड़ंगे आए और शासन ने एयरपोर्ट अथॉरिटी से इस जमीन के एवज में करोड़ों रुपए की राशि मांग ली। फिर ताई के हस्तक्षेप के बाद यह मामला सुलझा और शासन ने मुफ्त में ही देने का निर्णय लिया। इसमें कुछ जमीनें ट्रस्ट की भी थी। उसको लेकर भी सुप्रीम कोर्ट का फैसला शासन-प्रशासन के पक्ष में ही गया। लिहाजा 20 एकड़ जमीन एयरपोर्ट अथॉरिटी को ट्रांसफर कर दी गई, लेकिन अभी कोरोना के चलते बुलाए जाने वाले टेंडर भी अटक गए और विस्तार के लिए 700 करोड़ रुपए की योजना बनाई गई, जिसमें नए टर्मिनल से लेकर एयरोब्रिज, पार्किंग, रेस्टोरेंट और अन्य तरह की सुविधाएं विकसित की जाना है। सांसद शंकर लालवानी के मुताबिक पिछले दिनों उड्डयन मंत्रालय ने निर्णय लिया कि निजी कम्पनियों से देश के बड़े एयरपोर्ट विकसित करवाए जाएंगे। इसमें इंदौर भी शामिल है। अभी पहले चरण के टेंडरों में कुछ बड़े एयरपोर्ट निजी कम्पनियों ने लिए हैं। अब दूसरे चरण में इंदौर सहित अन्य एयरपोर्ट भी निजी हाथों में दिया जाना है। कोरोना के चलते चूंकि उड्डयन मंत्रालय भी इसकी प्रक्रिया नहीं कर पाया, जो अब फिर से शुरू की जा रही है। श्री लालवानी के मुताबिक उड्डन मंत्रालय का भी सोचना है कि जब निजी कम्पनी को ही विस्तार के लिए जिम्मा देना है तो फिर पूर्व में जो प्रोजेक्ट तैयार किया था उसमें राशि क्यों खर्च की जाए। 20 एकड़ जमीन जो मिली है उसका उपयोग अभी एयरपोर्ट विस्तार में होना है। आज 4 बजे एयरपोर्ट सलाहकार समिति की बैठक में इस पर भी चर्चा की जाएगी। 1 करोड़ रुपए से अधिक की राशि पर्यावरण की भी जमा करवाई जा चुकी है और उसकी एनओसी मिल गई है। अन्य एक-दो एनओसी अभी बची है, जिसके लिए वे केन्द्र से लेकर राज्य सरकार के संबंधित विभागों से चर्चा कर रहे हैं। एयरपोर्ट के मुख्य मार्ग जो कि बिजासन से आगे पीथमपुर की ओर जाता है वह भी लगभग तैयार है। लिहाजा अभी आगे की सड़क को बंद भी किया जाना है। इस संबंध में भी प्रशासन और प्राधिकरण के अधिकारियों से चर्चा होना है। आज की बैठक में चूंकि प्रशासन के लोग भी शामिल रहेंगे, जिसमें कलेक्टर मनीष सिंह, डीआईजी हरिनारायणचारी मिश्र, निगमायुक्त प्रतिभा पाल के अलावा अन्य केन्द्र सरकार द्वारा नामित सलाहकार समिति के सदस्य भी हैं। इसके साथ ही एयरपोर्ट पर कई यात्री सुविधाओं से संबंधित बिंदुओं पर भी विचार-विमर्श किया जाएगा। साथ ही इंदौर एयरपोर्ट से इंटरनेशनल कार्गो संचालित करने के मामले में भी चर्चा होगी।
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