मुंबई। विजय हजारे ट्रॉफी (Vijay Hazare Trophy) में गुरुवार को 21 साल का तूफान आया। बल्ले से आग बरसाने वाले इस विस्फोटक खिलाड़ी का नाम पृथ्वी शॉ (Prithvi Shaw) है। मुंबई (Mumbai) के कप्तान पृथ्वी शॉ ने गुरुवार को पुड्डुचेरी (Pondicherry) के खिलाफ मुकाबले में ताबड़तोड़ दोहरा शतक ठोक दिया। शॉ 152 गेंदों पर 227 रन बनाकर नाबाद रहे। इस पारी में उन्होंने 31 चौके और 5 छक्के लगाए। ये विजय हजारे ट्रॉफी का सर्वोच्च व्यक्तिगत स्कोर है।
कमाल की बात ये रही कि इनमें से 154 रन तो उन्होंने चौकों और छक्कों से ही बना दिए। विजय हजारे ट्रॉफी के मौजूदा सीजन के तीन मैचों में वो इससे पहले दिल्ली के खिलाफ नाबाद 105 रन और महाराष्ट्र के खिलाफ 34 रन की पारी भी खेल चुके हैं। मैच में पुड्डुचेरी के कप्तान दामोदरन रोहित ने टॉस जीतकर पहले मुंबई को बल्लेबाजी दे तो दी, लेकिन उसके बाद उनके पास पछताने के अलावा कोई चारा नहीं था।
थोड़ी सी खुशी तब जरूर मिली जब ओपनर यशस्वी जायसवाल को सिर्फ दो रनों पर पवेलियन लौटा दिया, लेकिन बाद में ये तय करना मुश्किल हो गया कि वो खुशी थी या आने वाले दर्द की दस्तक। क्योंकि यशस्वी के आउट होते ही शॉ ने आदित्य तारे के साथ मिलकर विस्फोट करना शुरू कर दिया। तारे भले ही 64 गेंद पर 7 चौकों की मदद से 56 रन बनाकर आउट हो गए। मगर शॉ ने थमने का नाम नहीं लिया। सूर्यकुमार यादव ने भी शॉ का जबरदस्त तरीके से साथ निभाया और सिर्फ 50 गेंदों पर शतक जड़ दिया। उन्होंने इसमें 17 चौके और 2 छक्के लगाए। यादव 22 चौकों और 4 छक्कों की मदद से 58 गेंद पर 133 रन बनाकर आउट हुए।
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