इंदौर। प्रदेश की जेलों में 43 हजार से अधिक कैदी फिलहाल बंद हैं, जिसमें इंदौर की सेंट्रल और जिला जेल भी शामिल है। प्रदेश सरकार 1 जनवरी से सुधारात्मक सेवाएं एवं बंदी गृह अधिनियम लागू करने जा रही है, जिसमें कैदियों को कई तरह की सुविधाएं मिलेगी ही, वहीं उनके खाने के मैन्यू में भी बदलाव होगा। महिला कैदियों को जहां हेयर रेमूव्हल क्रीम के लिए शैम्पू मिलेगा, तो अन्य कैदियों को सलाद-दूध सहित अन्य सामग्री दी जाएगी।
पिछले दिनों ही नया अधिनियम मंजूर होकर उसका गजट नोटिफिकेशन भी कुछ समय पूर्व कर दिया गया और अब 1 जनवरी से जेल विभाग का नाम बदलकर बंदी गृह एवं सुधारात्मक हो जाएगा। इसी तरह जेल को भी सुधारात्मक संस्था और बंदी गृह कहेंगे। इसी तरह जेल अधिकारी के पदनाम भी बदल जाएंगे। वर्तमान में प्रदेश की जेलों में 1900 महिला कैदी और लगभग 41 हजार पुरुष कैदी बंद हैं। सभी जेलों में क्षमता से अधिक कैदी भरे हुए हैं, जिसके चलते अब नई बैरकें बनाने, महिला बंदियों के लिए सेप्रेट वार्ड सहित ओपन जेल के प्रावधान भी किए जा रहे हैं।
इंदौर सहित प्रदेशभर में 133 जेल है, जिनमें 11 केन्द्रीय जेल और 8 ओपन, 42 जिला जेल, 72 उपजेल शामिल है। महिला कैदियों को शैम्पू, हेयर रिमूव्हल क्रीम मिलेगा, तो साथ ही कैदियों को दूध और चायपत्ती भी अब अधिक मात्रा में दी जाएगी, तो खाने में सलाद भी 60 ग्राम मिलेगा, जिससे 3 करोड़ रुपए से अधिक का जेल महकमे का खर्चा बढ़ेगा। इसी तरह चाय के लिए दूध 60 मिलीग्राम की बजाय अब 80 मिलीग्राम प्रति बंदी मिलेगा और चायपत्ती भी 4 ग्राम से बढक़र 6 ग्राम प्रति बंदी रोजाना दी जाएगी। खाने के तेल की मात्रा भी 30 मिलीग्राम प्रति बंदी होगी और विशेष अवसरों पर जो भोजन मिलता है उसके लिए भी 75 मिलीग्राम प्रति बंदी अतिरिक्त खाद्य तेल उपलब्ध कराया जाएगा। इंदौर में सांवेर रोड पर बड़ी जेल का निर्माण भी प्रगति पर है।
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