इंदौर। 1 जनवरी से जो नया बंदी जेल सुधार अधिनियम प्रदेश में लागू किया जा रहा है उसकी तैयारी जेल विभाग ने शुरू कर दी है। पिछले दिनों शासन ने इसका नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया, जिसमें जेलों का नाम भी कारागार और सुधारात्मक संस्था के रूप में जाना जाएगा और खुली जेल भी बनेगी, जहां पर अच्छे कुछ विशेष श्रेणी के कैदियों को परिवार के साथ भी रहने की अनुमति मिलेगी। वहीं किन्नरों के लिए भी अलग सेल बनाई जाएगी। अभी उन्हें महिला कैदियों के साथ रखा जाता है।
इंदौर सहित प्रदेश की सभी जेलों में क्षमता से अधिक कैदीभरे हुए हैं। 132 छोटी-बड़ी जेलों में 50 हजार से ज्यादा कैदी हैं, तो अब कई जिलों में नई जेल बनाने और खुली जेल के भी प्रावधान नए अधिनियम में किए गए हैं। दरअसल केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने जिस तरह पिछले दिनों आईपीसी सहित पुलिस एक्ट में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए, उसी तरह 130 पुराने जेल अधिनियम को भी बदलकर नया मॉडल तैयार किया है, जिसे देशभर में लागू किया जा रहा है।
अब मौजूदा अधिनियम में कैदियों के सुधार और पुनर्वास सहित कई नए प्रावधान किए गए हैं, ताकि अच्छे कैदियों को सुधार कर वापस समाज में भेजा जा सके। पहले 2 अक्टूबर से यह नया अधिनियम लागू होना था, मगर अब 1 जनवरी से इसे अमल में लाया जाएगा। वहीं इंदौर की सांवेर रोड पर जो अधूरी जेल है उसे भी पूरा किया जाएगा। शासन ने इसके लिए 217 करोड़ रुपए से अधिक की राशि मंजूर की है और पिछले दिनों टेंडर प्रक्रिया भी पूरी हो गई थी।
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