उज्जैन। कैदियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए केंद्रीय भैरवगढ़ जेल (Central Bhairavgarh Jail) में प्रशासन ने अनूठा कदम उठाया है। अखिल विश्व गायत्री परिवार हरिद्वार की सहायता से केंद्रीय जेल भैरवगढ़ में कैदियों को पुरोहित बनाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। यह प्रशिक्षण एक माह तक चलेगा, जिसमें कैदियों को कर्मकांड, हवन, पूजन, यज्ञ, और मंत्रोपचार विधि विधान के साथ सिखाया जा रहा है। इसके लिए पढ़े-लिखे कैदियों का चयन किया गया है। फिलहाल कुल 105 कैदी चुने गए हैं, जिसमें 15 महिलाएं और 90 पुरुष कैदी हैं। यह प्रशिक्षण आगामी 8 जून तक चलेगा। इसके बाद 10 दिन का प्रैक्टिकल भी होगा। इस दौरान जो कैदी पूरी तरह से रूप से पारंगत हो जाएगा उसे जेल से रिहा होने तक जेल में ही यह कार्य करने पड़ेंगे। इसके पीछे जेल प्रशासन का उद्देश्य है रिहा होने के बाद कैदी आत्मनिर्भर और सम्मानजनक जीवन जी सकें। जेल में कैदियों द्वारा नवरात्रि और रोजे रखे जाते हैं। हमने महसूस किया कि पढ़े-लिखे कैदियों को पुरोहितों के काम में पारंगत कराया जाए।
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