नई दिल्ली (New Delhi) । केंद्रीय गृह मंत्रालय (Union Home Ministry) ने राज्य सरकारों (state governments) से कहा है कि कट्टर विचारधारा फैलाने वाले कैदियों (prisoners) को जेल (jail) में अन्य कैदियों से अलग बंद किया जाए। ऐसा दूसरे कैदियों के विचार को दूषित होने से बचाने के लिए करने को कहा गया है।
गृह मंत्रालय ने यह सुझाव राज्यों को प्रभावी जेल प्रबंधन और जेल अधिकारियों के खाली पदों को भरने के लिए भेजे गए पत्र में कही है। मंत्रालय ने कहा कि आदर्श जेल मैनुअल, 2016 के दिशा-निर्देशों के तहत जेल प्रशासन को यह सुनिश्चित करना है कि वह कैदियों को विभिन्न श्रेणियों में वर्गीकृत करे।
इसके तहत कैदियों को महिला, युवा, अंडर ट्रायल, दोषी, उच्च जोखिम वाले कैदी आदि की श्रेणी में विभाजित कर अलग-अलग रखा जाना है। कैदियों को सुरक्षा के लिहाज से ऐसा करना जरूरी है। मंत्रालय ने इसी के तहत कट्टर विचारधारा वाले कैदियों को अलग रखने का सुझाव दिया है। इनके अलावा नशे के कारोबार के आरोप में पकड़े गए या दोषी ठहराए कैदियों को भी अलग रखने के लिए कहा गया है। इन कैदियों को जहां तक संभव हो दूसरे कैदियों से मुलाकात नहीं करने देने की बात भी पत्र में कही गई है।
सभी राज्य आदर्श जेल मैन्युअल लागू करने में तेजी लाएं
मंत्रालय ने कहा कि मई, 2016 में आदर्श जेल मैन्युअल सभी राज्यों को भेजे जाने के बाद भी कई राज्यों ने अब तक इसे स्वीकार करने की जानकारी नहीं दी है। ऐसे में जिन राज्यों या केंद्र शासित प्रदेशों ने अबतक इसे अपने यहां लागू नहीं किया है उन्हें सलाह दी जाती है कि जेल सुधार के लिए इस मामले में तेजी लाएं और इसके लिए जरूरी कदम उठाएं।
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