भोपाल। कोरोना संक्रमण (Corona Infection) के चलते प्रदेश की अलग-अलग जेलों में बंदियों की संख्या कम करने के लिए 120 दिन की आपात पेरोल (Payroll) पर छोड़े जाने की व्यवस्था जेल मुख्यालय (Jail Headquarters) द्वारा बंद करने से अब बंदी पूर्ववत 15 दिन की पेरोल (Payroll) पर बाहर आ सकेंगे। इसके लिए जेल अधीक्षकों को मुख्यालय प्रस्ताव भेजना होगा। मालूम हो कि जेल मुख्यालय ने 20 सितंबर को आदेश जारी कर बंदियों को दी जाने वाली 120 दिन की आपात पेरोल (Emergency Payroll) पर रोक लगा दी है। इसके पीछे वजह प्रदेश में कोरोना संक्रमण (Corona Infection) के कम होने का हवाला दिया गया है।
मालूम हो कि कोरोना संक्रमण के फैलाव के बाद कोर्ट से 3000 से अधिक बंदियों को अंतरित जमानत दी गई थी। इसी क्रम में कोरोना की दूसरी लहर में जेलों से 5000 से अधिक बंदियों को पहले 60 दिन की और बाद में 30-30 दिन की यानी कुल 120 दिन की आपात पेरोल पर छोड़ा गया था। पेरोल खत्म होने के बाद कैदियों की जेल वापसी शुरू हो गई है। डीआइजी जेल संजय पांडेय के मुताबिक कोरोना संक्रमण का असर प्रदेशभर में कम हुआ है, जिसके चलते 120 दिन की पैरोल पर छोड़े जाने की व्यवस्था बंद की गई है।
क्षमता से दोगुना बंदी है जेलों में
जानकारी के मुताबिक प्रदेश भर की जेलों की कुल क्षमता साढ़े 28 हजार बंदियों को रखने की है, पर यहां इससे दोगुना से अधिक बंदी थे। कोरोना संक्रमण के दौरान बंदियों को पेरोल पर छोड़े जाने के लिए सरकार ने हाईपॉवर कमेटी का गठन किया था।
गंभीर अपराधियों को छोडऩे पर उठे थे सवाल
कोरोना संक्रमणकाल में गंभीर अपराधों में लिप्त रहे बंदियों को पेरोल पर छोड़े जाने पर भी सवाल उठे थे। जबलपुर के नागरिक उपभोक्ता मंच ने महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराध करने वाले बंदियों को पेरोल पर रिहा करने पर आपत्ति जताई थी और हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।
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