उज्जैन। केन्द्रीय जेल भैरवगढ़ में आए दिन कैदियों की जान जा रही है क्योंकि यहाँ का ढर्रा बिगड़ा हुआ है और स्वास्थ्य सुविधा के लिए यहाँ चिकित्सकों की तैनाती नहीं की गई है। एक चिकित्सक इंदौर से आते हैं और लौट जाते हैं। कल रात में हत्या के मामले में सजा काट रहे एक कैदी की तबीयत बिगडऩे के बाद मौत हो गई। केन्द्रीय जेल भैरवगढ़ में देवास निवासी परवेज उर्फ युनूस हत्या के मामले में वर्ष 2015 से सजा काट रहा था। कल रात एकाएक उसकी तबीयत बिगड़ी जिस पर तत्काल अस्पताल लेकर आए लेकिन परीक्षण के बाद चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। सूचना मिलने के बाद मृतक के परिजन यहाँ पहुंच गए।
मृतक के भाई अमन ने बताया कि सजा होने के बाद से ही उसे अब तक पैरोल नहीं मिली थी। उसके साथ दो और साथी हैं जो अंदर सजा काट रहे हैं। उल्लेखनीय है कि जेल में पिछले कई सालों से स्थाई विशेषज्ञ चिकित्सक की आवश्यकता है लेकिन यहाँ शासन द्वारा डॉक्टरों की नियुक्ति नहीं की जा रही है। महिला कैदियों के लिए भी अलग से कोई महिला चिकित्सक को नियुक्त नहीं किया गया है। जेल के अधिकारी भी इस दिशा में कोई पहल नहीं कर रहे हैं। वर्तमान में एक चिकित्सक डॉ. शांतनु आते हैं जो इंदौर में रहते हैं और वे दोपहर में आकर वापस लौट जाते हैं। बाकी समय कैदियों को दवाएँ देने का काम कम्पाउंडरों के भरोसे चलता है।
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