भोपाल: मध्य प्रदेश सरकार (Madhya Pradesh Government) को प्रधान महालेखाकार (AG) की ओर से एक पत्र जारी किया गया है. इस पत्र के जरिए मध्य प्रदेश सरकार से 3 लाख करोड़ से अधिक के कर्ज का बही खाता (Ledger account of loan of more than Rs 3 lakh crore) मांगा गया है. पत्र राज्य के वित्त विभाग (State Finance Department) को भेजा गया है. विभाग को 20 मई तक फाइनेंशियल कंडीशन की रिपोर्ट देनी होगी.
प्रधान महालेखाकार ने मध्य प्रदेश सरकार से कर्ज का बही खाता मांगा है. अकाउंटेंट जनरल (AG) ने वित्त विभाग को पत्र लिखते हुए सरकार की मौजूदा फाइनेंशियल कंडीशन की रिपोर्ट और 3 लाख करोड़ से अधिक के कर्ज का हिसाब देने के लिए कहा है. प्रधान महालेखाकार ने पत्र लिखकर सरकार से पूछा है कि कब-कब कितना कर्ज लिया गया और कब-कब कितना खर्च किया गया. साथ ही प्रदेश के चल रहे घाटे को लेकर 8 नगर निगम के मौजूदा स्थिति की भी रिपोर्ट मांगी गई है.
वित्त विभाग को साल 2023-24 के लेखा-जोखा की रिपोर्ट 20 मई तक AG को देना होगा. ऐसे में अब वित्त विभाग ने सभी विभागों को पत्र लिखकर जानकारी मंगाई है, जिससे रिपोर्ट पेश की जा सके. बता दें कि मध्य प्रदेश सरकार पर मार्च 2023 तक की स्थिति में 3 लाख 31 हजार करोड़ से ज्यादा रुपए का कर्ज है. ये पूरा कर्ज RBI की गाइडलाइन के आधार पर लिया गया है. हाल ही में प्रदेश में शुरू हुई लाडली बहना योजना के कारण भी सरकार पर अतिरिक्त भार बढ़ा है. इसके अलावा कई योजनाओं पर मध्य प्रदेश सरकार खर्च कर रही है.
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