ढाका। बांग्लादेश की स्वतंत्रता के 50वीं वर्षगांठ (Bangladesh’s 50th Anniversary of Independence) पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि (Chief Guest) के रूप में शामिल होने पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के दौरे का कई कट्टरपंथी संगठन (Fundamentalist organization) विरोध कर रहे हैं। इस दौरान पुलिस के साथ हुई हिंसक झड़प (Violent skirmish) में चार लोगों के मारे जाने (four people killed)की खबर है। बताया जा रहा है कि पीएम मोदी के दौरे का विरोध चटगांव और ढाका में ज्यादा हुआ है। विरोध प्रदर्शनों को देखते हुए ढाका की सुरक्षा को भी बढ़ा दिया गया है। बीबीसी बांग्ला की रिपोर्ट में एक पुलिसकर्मी के हवाले से दावा किया गया है कि चटगांव में सुरक्षाबलों के साथ हुई हिंसक झड़प में चार लोग घायल हो गए। जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती करवाया गया, लेकिन उन सभी ने दम तोड़ दिया। ये लोग जुमे की नमाज के बाद चटगांव के हथाजरी मदरसे से निकले एक विरोध मार्च में शामिल थे। इस दौरान कई लोग घायल भी हुए हैं।
बताया जा रहा है कि जुमे की नमाज के बाद राजधानी ढाका के बैतुल मुकर्रम इलाके में भी लोगों ने प्रदर्शन किया है। इस दौरान भी पुलिस के साथ प्रदर्शनकारियों की झड़प हुई। पुलिस ने पूरे ढाका में लोगों के प्रदर्शनों पर रोक का ऐलान किया हुआ है। हिफाजत ए इस्लाम नाम के एक कट्टरपंथी संगठन ने पहले ही पीएम मोदी के दौरे का विरोध करने का ऐलान किया था। रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि उग्र भीड़ ने स्थानीय थाने में जमकर तोड़फोड़ की। उन्होंने पत्थरबाजी के बाद थाने को आग लगाने का भी प्रयास किया। जिसके बाद ऐक्शन में आई पुलिस ने उग्र प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने के लिए बल प्रयोग किया। दावा किया जा रहा है कि इस दौरान पुलिस ने फायरिंग की, जिसमें चार लोगों की मौत हुई है। हालांकि, पुलिस की तरफ से अभी तक गोली चलाने को लेकर कोई जानकारी नहीं दी गई है। पूरे इलाके को एहतियातन छावनी में बदल दिया गया है। पुलिस फोर्स की भारी मौजूदगी के कारण स्थिति नियंत्रण में बताई जा रही है। दावा यह भी किया जा रहा है कि इस दौरान सैकड़ों लोग घायल भी हुए हैं। लेकिन, इन रिपोर्टों की अधिकृत पुष्टि नहीं हो सकी है। हिफाजत-ए इस्लाम के नेता ने बताया है कि प्रदर्शन के दौरान उनके कुछ समर्थकों की मौत हुई है, लेकिन उन्होंने भी संख्या को स्पष्ट नहीं किया है। चटगांव और ढाका में विरोध प्रदर्शनों को देखते हुए पूरे इलाके में पुलिस को अलर्ट कर दिया गया है। बांग्लादेश के हिफाजत-ए-इस्लाम जैसे कई इस्लामी कट्टरपंथी समूहों ने पीएम मोदी की ढाका में प्रवेश के खिलाफ प्रदर्शन करने की धमकी दी थी। जिसके बाद बांग्लादेश ने सुरक्षा व्यवस्था को और कड़ा कर दिया है। खुद प्रधानमंत्री शेख हसीना ने पीएम मोदी की यात्रा को बाधित करने की कोशिश करने वाले के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आदेश दिया है। भारत और बांग्लादेश शुरू से ही एक दूसरे के सबसे बड़े सहयोगी रहे हैं। कभी-कभी रिश्तों में आई खटास को भी दोनों देशों ने बखूबी से दूर किया है। बांग्लादेश के सोशल मीडिया यूजर्स ने हिफाजत-ए-इस्लाम को सत्ता की भूखी और धर्म का व्यापार करने वाली पार्टी करार दिया है। लोगों का आरोप है कि हिफाजत ए इस्लाम पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के इशारे पर पीएम मोदी के दौरे का विरोध कर रही है। बता दें कि यह बांग्लादेश की कट्टरपंथी पार्टी है, जिसके संबंध पाकिस्तान से जुड़े हुए हैं।