नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) बुधवार को तीन दिवसीय यात्रा पर (On Three-day Visit) पोलैंड और यूक्रेन के लिए (To Poland and Ukraine) रवाना हो गए (Leaved) । पीएम मोदी 21 और 22 अगस्त को पौलेंड दौरे पर रहेंगे और इसके बाद वह 23 अगस्त को युद्धग्रस्त यूक्रेन की राजधानी कीव जाएंगे।
उनकी इस यात्रा की आधिकारिक जानकारी देते हुए ‘प्रधानमंत्री कार्यालय’ ने एक पत्र जारी किया है। इस पत्र में प्रधानमंत्री के हवाले से लिखा गया, “मेरी पोलैंड यात्रा ऐसे समय हो रही है जब हम अपने राजनयिक संबंधों के 70 वर्ष पूरे कर रहे हैं। पोलैंड मध्य यूरोप में एक प्रमुख आर्थिक भागीदार है। लोकतंत्र और बहुलवाद के प्रति हमारी पारस्परिक प्रतिबद्धता हमारे संबंधों को और मजबूत करती है। मैं साझेदारी को आगे बढ़ाने के लिए अपने मित्र प्रधानमंत्री डोनाल्ड टस्क और राष्ट्रपति आंद्रेज डूडा से मिलने के लिए उत्सुक हूं।”
आगे इस पत्र में प्रधानमंत्री की यूक्रेन यात्रा का भी जिक्र किया गया है। पीएमओ ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की के निमंत्रण पर यूक्रेन का दौरा कर रहे हैं। यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यूक्रेन की पहली यात्रा होगी। प्रधानमंत्री मोदी पोलैंड की यात्रा समाप्त करने के बाद ट्रेन से यूक्रेन की राजधानी कीव जाएंगे, जिसमें लगभग 10 घंटे का समय लगेगा। इस यात्रा से भारत और यूक्रेन के बीच निरंतर जुड़ाव को बढ़ावा मिलने की संभावना है और यह दोनों देशों के बीच मजबूत और अधिक जीवंत संबंधों की नींव रखने में सहायक होगी।
यात्रा पर रवाना होने से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर यूक्रेन जाने की जानकारी देते हुए कहा, “मैं राष्ट्रपति जेलेंस्की के निमंत्रण पर यूक्रेन का दौरा करूंगा। यह यात्रा उनके साथ पहले हुई चर्चाओं को आगे बढ़ाने और भारत-यूक्रेन मित्रता को गहरा करने का अवसर होगी। हम चल रहे यूक्रेन संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान पर भी दृष्टिकोण साझा करेंगे। एक मित्र और भागीदार के रूप में, हम इस क्षेत्र में शीघ्र शांति और स्थिरता की वापसी की आशा करते हैं।”
विदेश मंत्रालय के एक बयान में जानकारी दी गई कि कीव में प्रधानमंत्री की मुलाकात के दौरान राजनीतिक, व्यापार, आर्थिक, निवेश, शिक्षा, सांस्कृतिक, लोगों से लोगों के बीच आदान-प्रदान, मानवीय सहायता सहित द्विपक्षीय संबंधों के कई पहलुओं पर चर्चा होगी। भारत ने रूस-यूक्रेन संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान के लिए बातचीत और कूटनीति का माध्यम अपनाने पर जोर दिया है। प्रधानमंत्री मोदी ने 14 जून को इटली के अपुलिया में 50वें जी7 शिखर सम्मेलन के दौरान यूक्रेनी राष्ट्रपति से मुलाकात की थी।
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