देहरादून । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने दो नई रोपवे परियोजनाओं सहित (Including Two New Ropeway Projects) 3400 करोड़ रुपये (Worth Over Rs. 3400 Crores) से अधिक की कनेक्टिविटी परियोजनाओं (Connectivity Projects) की आधारशिला रखी (Laid the Foundation Stone) । ये रोपवे परियोजनाएं गौरीकुंड को केदारनाथ और गोविंदघाट को हेमकुंड साहिब से जोड़ने वाली हैं।
दो-दिवसीय दौरे पर शुक्रवार (21 अक्टूबर 2022) को उत्तराखंड पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बद्रीनाथ और केदारनाथ मंदिर में दर्शन और पूजा-अर्चना की । इस दौरान पीएम ने बद्रीनाथ के माणा गांव में सड़क और रोपवे परियोजनाओं का शिलान्यास किया। जिसके बाद लोगों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज बाबा केदार और बद्री विशाल जी के दर्शन करके मन प्रसन्न हो गया, जीवन धन्य हो गया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “माणा गांव भारत के अंतिम गांव के रूप में जाना जाता है, लेकिन मेरे लिए सीमा पर बसा हर गांव देश का पहला गांव है। सीमा पर बसे आप जैसे सभी साथी देश के सशक्त प्रहरी है।” पीएम मोदी ने कहा कि 21वीं सदी के विकसित भारत के निर्माण के दो प्रमुख स्तंभ हैं। पहला- अपनी विरासत पर गर्व और दूसरा- विकास के लिए हर संभव प्रयास।
माणा गांव में पीएम मोदी ने कहा, “पहले जिन इलाकों को देश की सीमाओं का अंत मानकर नजरअंदाज किया जाता था, हमने वहां से समृद्धि का आरंभ मानकर काम शुरू किया। पहले देश का आखिरी गांव जानकर जिसकी उपेक्षा की जाती थी, हमने वहां के लोगों की अपेक्षाओं पर फोकस किया।” उन्होंने कहा कि अयोध्या में इतना भव्य राममंदिर बन रहा है, गुजरात के पावागढ़ में मां कालिका के मंदिर से लेकर विन्ध्याचल देवी के कॉरिडोर तक, भारत अपने सांस्कृतिक उत्थान का आह्वान कर रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा, “देश की आजादी के 75 साल पूरे होने पर मैंने लाल किले पर एक आह्वान किया, ये आह्वान हैं गुलामी की मानसिकता से पूरी तरह मुक्ति का, क्योंकि आजादी के इतने वर्षों बाद भी, हमारे देश को गुलामी की मानसिकता ने ऐसा जकड़ा हुआ है कि प्रगति का कुछ कार्य कुछ लोगों को अपराध की तरह लगता है। विदेशों में वहां की संस्कृति से जुड़े स्थानों की ये लोग तारीफ करते नहीं थकते थे लेकिन भारत में इस प्रकार के काम को हेय दृष्टि से देखा जाता था।”
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