रामेश्वरम । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने रविवार को रामेश्वरम में ‘पंबन रेल पुल’ (‘Pamban Rail Bridge’ in Rameshwaram) का उद्घाटन किया (Inaugurated) । ये भारत का पहला वर्टिकल लिफ्ट ब्रिज है। 2019 में पीएम मोदी ने ही इसकी नींव रखी थी।
2.08 किलोमीटर लंबा यह ब्रिज रामेश्वरम (पंबन द्वीप) को तमिलनाडु के मंडपम से जोड़ता है। प्रधानमंत्री ने रिमोट डिवाइस का उपयोग करके पुल के वर्टिकल लिफ्ट स्पैन को संचालित किया, जिससे तटरक्षक जहाज नीचे से गुजर सका। नवनिर्मित संरचना देश का पहला वर्टिकल लिफ्ट रेलवे समुद्री पुल है, जो स्वदेशी इंजीनियरिंग की अभूतपूर्व प्रगति को दर्शाता है।
पीएम मोदी ने चेन्नई में रामेश्वरम और तांबरम के बीच एक नई ट्रेन सेवा को भी हरी झंडी दिखाई, जिससे क्षेत्रीय संपर्क में और वृद्धि होगी और यात्रियों और तीर्थयात्रियों के लिए सुगम यात्रा की सुविधा मिलेगी। हालांकि तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन नीलगिरी में पूर्व व्यस्तताओं के कारण समारोह में अनुपस्थित थे, लेकिन इस कार्यक्रम में कई प्रमुख नेता और अधिकारी मौजूद थे। तमिलनाडु के राज्यपाल आर.एन. रवि, केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव, राज्य मंत्री थंगम थेन्नारासु और भाजपा नेता के. अन्नामलाई, सुधाकर रेड्डी, एच. राजा और नैनार नागेंथिरन के साथ-साथ रामनाथपुरम जिला कलेक्टर सिमरनजीत सिंह कहलों मौके पर उपस्थित थे।
इससे पहले, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर प्रधानमंत्री ने अपनी यात्रा से एक आध्यात्मिक क्षण साझा करते हुए कहा: “थोड़ी देर पहले श्रीलंका से लौटते समय, राम सेतु के दर्शन का सौभाग्य मिला और, एक दिव्य संयोग के रूप में, यह उसी समय हुआ जब अयोध्या में सूर्य तिलक हो रहा था। दोनों के दर्शन पाकर धन्य हो गया। प्रभु श्री राम हम सभी को एकजुट करने वाली शक्ति हैं। उनका आशीर्वाद हमेशा हम पर बना रहे।”
बता दें, पीएम मोदी ने 2019 में पंबन ब्रिज का शिलान्यास किया था और 5 साल में यह समुद्र के ऊपर बनकर तैयार हो गया है। पंबन ब्रिज को भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए डिजाइन किया गया है। यह डबल ट्रैक वाला ब्रिज हाई-स्पीड ट्रेनों के संचालन के लिए उपयुक्त है, जो इसे तकनीकी रूप से उन्नत बनाता है। 2.08 किलोमीटर लंबा यह ब्रिज कई मायनों में खास है। इसमें 18.3 मीटर के 99 स्पैन और 72.5 मीटर का एक वर्टिकल लिफ्ट स्पैन है। यह पुराने ब्रिज से 3 मीटर ऊंचा है, जिससे बड़े जहाज आसानी से गुजर सकेंगे। इसके ढांचे में 333 पाइल हैं, और यह इतना मजबूत बनाया गया है कि वर्षों तक रेल और समुद्री परिचालन सुरक्षित रहेगा। इसमें एंटी-कोरोजन तकनीक, पॉलीसिलॉक्सेन पेंट, उन्नत स्टेनलेस स्टील और फाइबर रिइंफोर्स्ड प्लास्टिक का उपयोग किया गया है, जिससे यह लंबे समय तक टिकाऊ रहेगा। इस ब्रिज के निर्माण ने भारत की डिजाइन और सर्टिफिकेशन में तकनीकी श्रेष्ठता को साबित किया है।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved