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देश की सुरक्षा में सीआरपीएफ की भूमिका को सर्वोपरि बताया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने

July 27, 2024


नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने देश की सुरक्षा में (In the security of the Country) सीआरपीएफ की भूमिका (Role of CRPF) को सर्वोपरि बताया (Described as Paramount) । केंद्रीय रिजर्व पुलिस फोर्स, सीआरपीएफ के 86वें स्थापना दिवस पर सुरक्षाबलों को बधाई देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उक्त बात कही ।


उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर किए अपने पोस्ट में कहा, “सीआरपीएफ के स्थापना दिवस के अवसर पर सभी को मेरी शुभकामनाएं। राष्ट्र के प्रति उनका अटूट समर्पण और उनकी अथक सेवा वास्तव में सराहनीय है। वे हमेशा साहस और प्रतिबद्धता के उच्चतम मानकों के पक्षधर रहे हैं। हमारे देश को सुरक्षित रखने में भी उनकी भूमिका सर्वोपरि है।” प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी सीआरपीएफ के स्थापना दिवस पर सुरक्षा बलों और उनके परिवारों को शुभकामनाएं दीं।

बता दें, सीआरपीएफ की स्थापना आजादी से पहले 1939 में अंग्रेजों ने की थी. तब इस बल का नाम क्राउन रिप्रेजेंटेटिव पुलिस था। आजादी के बाद 28 दिसंबर, 1949 को संसद में एक अधिनियम लाकर इस बल का नाम केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल कर दिया गया। आजादी के बाद देशी रियासतों को भारत सरकार के अधीन लाने की जिम्मेदारी भी सीआरपीएफ को दी गई। सीआरपीएफ ने वीरता दिखाते हुए जूनागढ़, हैदराबाद, काठियावाड़ और कश्मीर जैसी रियासतों को भारत में शामिल कराने में बहुत बड़ी भूमिका निभाई। इन रियासतों ने भारत में शामिल होने से इनकार कर दिया था। इसके साथ ही राजस्थान, कच्छ और सिंध सीमाओं में घुसपैठ की जांच में सीआरपीएफ ने बहुत बड़ी भूमिका निभाई।

सीआरपीएफ ने 21 अक्टूबर 1959 को चीन के हमले को नाकाम करते हुए देश के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया। इस बलिदान की याद में हर साल 21 अक्टूबर को स्‍मृति दिवस मनाया जाता है। इस बल ने 1962 में चीनी आक्रमण के दौरान अरुणाचल प्रदेश में भारतीय सेना को महत्वपूर्ण सहायता प्रदान की। इस आक्रमण में सीआरपीएफ के 8 जवान शहीद हुए थे। इसके अलावा 1965 और 1971 में हुए भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध में भी सीआरपीएफ ने भारतीय सेना के साथ कंधे से कंधा मिलाकर पाकिस्तान से युद्ध किया।

1970 के दशक में त्रिपुरा और मणिपुर में हुई शांति भंग के दौरान सीआरपीएफ के जवानों ने कई सालों तक अभियान चला कर इलाके से उग्रवादियों का सफाया कर दिया। इसके अलावा 13 दिसंबर 2001 को भारतीय संसद पर हुए आतंकवादी हमले को सीआरपीएफ के जवानों ने बहादुरी दिखाते हुए नाकाम कर दिया था। हमले के दौरान सीआरपीएफ और आतंकवादियों के बीच 30 मिनट तक फायरिंग हुई थी। जिसमें पांच आतंकवादियों को मार गिराया गया था।

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सीआरपीएफ के 86वें स्थापना दिवस पर जवानों की वीरता की विरासत को याद किया कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने

Sat Jul 27 , 2024
नई दिल्ली । कांग्रेस सांसद राहुल गांधी (Congress MP Rahul Gandhi) ने केंद्रीय रिजर्व पुलिस फोर्स (सीआरपीएफ) के 86वें स्थापना दिवस पर (On the 86th foundation day of CRPF) जवानों की वीरता की विरासत को याद किया (Remembered the legacy of bravery of Soldiers) । उन्होंने शनिवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करने […]
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