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    प्रधानमंत्री मोदी आज जाएंगे यूक्रेन दौरे पर, जेलेंस्की से 4 साल में होगी चौथी मुलाकात, कई मामलो में अहम है ये यात्रा

  • August 21, 2024

    नई दिल्‍ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) कल पोलैंड और यूक्रेन (Poland and Ukraine) के दौरे पर जा रहे हैं. वो पहले पोलैंड जाएंगे जहां 21 और 22 अगस्त को रुकेंगे. इसके बाद 23 अगस्त को यूक्रेन का दौरा करेंगे. ऐसा पहली बार हो रहा जब कोई भारतीय प्रधानमंत्री यूक्रेन की यात्रा पर जा रहा है. कीव और नई दिल्ली के बीच राजनयिक संबंध (Diplomatic relations) 30 साल पहले यानी 1994 में स्थापित हुए थे. पीएम मोदी की ये यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध तेज हो गया है.

    20 फरवरी को इस युद्ध के तीन साल पूरे हो जाएंगे. इस बीच यूक्रेन ने रूस के कुर्स्क में हमला कर रूसी राष्ट्रपति पुतिन को बहुत नाराज कर दिया है. इससे पहले पीएम मोदी पिछले महीने 8 जुलाई को रूस पहुंचे थे. उसी दिन रूस ने यूक्रेन पर ताबड़तोड़ हमले किए थे जिनका निशाना बच्चों का एक अस्पताल भी बना था. उस दिन कई बच्चों समेत 39 लोगों की मौत हो गई थी. नाराज जेलेंस्की ने कहा था कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के नेता का मॉस्को में सबसे बड़े अपराधी को गले लगाना बेहद निराशाजनक है.

    कुछ दिनों पहले ही पुतिन को लगाया गले
    दूसरी तरफ, पीएम मोदी ने राष्ट्रपति पुतिन के सामने बच्चों की मौत का मुद्दा बेझिझक उठाया था. अब प्रधानमंत्री मोदी यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की के न्योते पर कीव जा रहे हैं. इससे पहले वो पोलैंड जाएंगे. इसके साथ ही भारत का कोई प्रधानमंत्री 45 साल बाद पोलैंड की यात्रा करेगा. उनसे पहले मोरारजी देसाई ने 1979 में पोलैंड की यात्रा की थी. ये यात्रा उस समय हो रही है जब भारत-पोलैंड राजनयिक संबंधों की स्थापना की 70वीं वर्षगांठ मना रहे हैं.


    चौथी बार होगी मोदी-जेलेंस्की की मुलाकात
    गौरतलब है कि 23 अगस्त को पीएम मोदी चौथी बार जेलेंस्की से मुलाकात करने वाले हैं. इसस पहले पीएम मोदी और जेलेंस्की की 3 बार मुलाकात हो चुकी है. पहली बार दोनों नेताओं की मुलाकता COP 2021 के दौरान ग्लासगो में हुई थी. इसके बाद 20 मई 2023 को G7 समिट हिरोशिमा में मोदी और जेलेंस्की मिले थे. वहीं हाल ही में अपने तीसरे कार्यकाल के दौरान पीएम मोदी ने जो अपनी पहली विदेश यात्रा की थी. उस दौरान भी यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से पीएम मोदी की मुलाकात हुई थी. 14 जून 2024 को इटली में हुए G7 समिट में दोनों देशों के नेता मिले थे. यह चौथा मौका होगा जब पीएम मोदी और यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की मिलने जा रहे हैं. वहीं आपको यह भी बता दें कि यह मुलाकात एक मायने में खास होने वाली है. पीएम मोदी और जेलेंस्की की यह पहली आधिकारिक मुलाकात होगी. इससे पहले दोनों देशों के नेता किसी अन्य देश में किसी अन्य मंचों पर ही मिले हैं. जबकि इस बार पीएम मोदी जेलेंस्की के बुलावे पर ही यूक्रेन जा रहे हैं.

    पीएम मोदी के इस यूक्रेन दौरे को 4 पॉइंट में समझते हैं कि आखिर यह दौरा इतना खास क्यों है और क्यों युद्धग्रस्त देश में प्रधानमंत्री मोदी के इस दौरे की ओर दुनियाभर की निगाहें टिकी हुई हैं.

    क्यों खास है पीएम का यूक्रेन दौरा?
    1. रूस-यूक्रेन युद्ध में तेजी के बीच हो रहा यह दौरा.
    2. पिछले महीने मॉस्को में पुतिन से मिले थे पीएम मोदी.
    3. यूक्रेन को युद्ध विराम में मदद की उम्मीद.
    4. 23 अगस्त को यूक्रेन का फ्लैग डे.

    पीएम मोदी के यूक्रेन दौरे पर पूरी दुनिया की नजर
    प्रधानमंत्री मोदी के यूक्रेन दौरे से पहले वहां बसे भारतीयों को उम्मीद है कि रूस के साथ चल रहा युद्ध बंद हो सकता है. प्रधानमंत्री मोदी युद्धविराम करवा सकते हैं. ऐसे में PM मोदी के यूक्रेन दौरे को लेकर चर्चा ना केवल भारत में है बल्कि दुनिया के कई देशों में इस दौरे की चर्चा है. सबसे बड़ी बात ये है कि बीते महीने ही PM मोदी रूस के दौरे पर थे और रूस दौरे के महज कुछ दिनों के भीतर ही उनका ये यूक्रेन दौरा चर्चा की वजह बना हुआ है. ऐसे में सवाल ये भी है कि क्या PM मोदी के यूक्रेन दौरे से रूस नाराज होगा, क्योंकि मौजूदा वक्त में रूस का सबसे बड़ा दुश्मन यूक्रेन है और ऐसे में क्या रूस को PM मोदी का यूक्रेन दौरा रास आएगा?

    आपको बता दें कि PM मोदी का ये यूक्रेन दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब यूक्रेन की सेना के द्वारा रूस के कई इलाकों में कब्जे की खबर है. यूक्रेन सेना रूस की सीमा के अंदर घुस गयी और हमले तेज कर दिए हैं. आपको याद होगा जब PM मोदी बीते महीने ही रूस के दौरे पर गए थे, इसी दौरान रूस ने यूक्रेन के एक अस्पताल पर हमला किया था जिसमें कई यूक्रेनी नागरिक मारे गए थे, जिसमें कई बच्चे भी शामिल थे. तब यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादिमिर जेलेंस्की ने PM मोदी के रूस दौरे और मोदी-पुतिन की गले लगती हुई तस्वीर पर निशाना साधते हुए कहा था कि आज रूस के मिसाइल हमले में 37 लोग मारे गए, इसमें तीन बच्चे भी शामिल थे. ऐसे दिन में दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के नेता का दुनिया के सबसे खूनी अपराधी से मॉस्को में गले लगना शांति स्थापित करने की कोशिशों के लिए निराशा की बात है.

    यूक्रेन दौरे से रूस होगा नाराज?
    हालांकि इस बीच सबसे बड़ा सवाल ये है कि क्या PM मोदी के यूक्रेन दौरे से रूस नाराज होगा? इसको लेकर विशेषज्ञों का मानना है कि पुतिन के चीन दौरे पर भी भारत ने कोई नाराजगी जाहिर नहीं की थी और चीन-रूस संबंधों को लेकर रूस और भारत दोनों ने कहा था कि भारत और रूस के बीच संबंध अलग हैं. इस दौरे से भारत और रूस के बीच संबंधों पर कोई असर नहीं पड़ता.

    बीते 25 सालों में देखा जाए तो भारत और यूक्रेन के व्यापारिक संबंधों में भी इजाफा देखने को मिला है. भारत के विदेश मंत्रालय के मुताबिक 2021 से 2022 वित्त वर्ष में दोनों देशों के बीच करीब 3.3 अरब डॉलर का व्यापार हुआ था. वहीं रूस और भारत के बीच करीब 60 अरब डॉलर का व्यापार हुआ. ऐसे में साल 2030 तक भारत और रूस के बीच 100 अरब डॉलर कारोबार करने की उम्मीद जताई जा रही है.

    ‘रूस और यूक्रेन दोनों से अपने-अपने संबंध’
    भारतीय विदेश मंत्रालय ने PM मोदी के यूक्रेन दौरे को लेकर कहा है कि भारत के रूस और यूक्रेन दोनों से संबंध मजबूत और स्वतंत्र है जिनका अपना-अपना अस्तित्व है. ये किसी एक का फायदा और दूसरे का नुकसान जैसा मामला नहीं है. गौरतलब है कि भारत रूस और यूक्रेन दोनों के साथ अपने संबंधों में संतुलन बनाने में कामयाब रहा है. भारत ने यूक्रेन पर रूसी हमले की कभी भी निंदा नहीं की और ना ही संयुक्त राष्ट्र में रूस के खिलाफ लाए गए प्रस्ताव का समर्थन किया. लेकिन भारत-यूक्रेन में मानवीय मदद हमेशा भेजता रहा है.

    दोनों देशों को तवज्जो देता है भारत
    साल 2023 में जब भारत ने G-20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी की तब भारत ने यूक्रेन को इस सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए आमंत्रण नहीं भेजा. हालांकि इस सम्मेलन में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भी शामिल नहीं हुए थे. यानी देखा जाए तो भारत रूस के साथ अपने सबसे पुराने संबंधों को भी उतना ही तवज्जो देता है, जितना अमेरिका और पश्चिमी देशों को. ऐसे में पीएम मोदी का यूक्रेन दौरा भी वैश्विक कूटनीति में संतुलन बनाने का एक उदाहरण है.

    क्या है पीएम मोदी का पूरा शेड्यूल?
    सोमवार को भारत ने एक बयान में कहा, हम रूस-यूक्रेन के बीच शांतिपूर्ण समाधान खोजने में मदद के लिए हरसंभव मदद देने के लिए तैयार हैं. विदेश मंत्रालय ने पीएम मोदी की 23 अगस्त की यात्रा की घोषणा की और कहा, यह एक ऐतिहासिक यात्रा होगी. यूक्रेन की यात्रा से पहले पीएम मोदी 21 और 22 अगस्त को पोलैंड की दो दिवसीय यात्रा करेंगे. उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी पोलैंड से कीव तक ट्रेन से यात्रा करेंगे, जिसमें करीब 10 घंटे लगेंगे. वापसी भी उतनी ही अवधि की होगी. रूसी क्षेत्र में कीव के ताजा सैन्य हमले के बीच प्रधानमंत्री मोदी की यूक्रेन यात्रा हो रही है.

    ट्रेन में सवार होकर कीव पहुंचेंगे पीएम मोदी
    इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन समेत कई वैश्विक नेता भी ट्रेन के जरिए कीव पहुंचे. ये नेता यूक्रेनी बॉर्डर के पास पोलिश ट्रेन स्टेशन से ट्रेन के जरिए कीव की यात्रा पर गए. पीएम मोदी की कीव यात्रा, मॉस्को की उनकी हाई-प्रोफाइल यात्रा के कुछ सप्ताह बाद हो रही है. उस समय अमेरिका और उसके कुछ पश्चिमी सहयोगियों ने आलोचना की भी थी.

    निरंतर जुड़ाव को आगे बढ़ाएगी यूक्रेन यात्रा
    विदेश मंत्रालय में सचिव (पश्चिम) तन्मय लाल ने मीडिया ब्रीफिंग में कहा, भारत के रूस और यूक्रेन दोनों के साथ ठोस और स्वतंत्र संबंध हैं और ये साझेदारियां अपने दम पर कायम हैं. उन्होंने कहा कि यह यात्रा भारत और यूक्रेन के बीच निरंतर जुड़ाव को आगे बढ़ाएगी. लाल ने कहा, मैं यह कहना चाहूंगा कि इस यात्रा का उद्देश्य दूसरे के नुकसान से अपना फायदा पाना नहीं है. प्रधानमंत्री ने रूस की यात्रा भी की थी. कई विचारों पर चर्चा की गई थी.

    उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री ने पिछले एक साल में कुछ मौकों पर राष्ट्रपति जेलेंस्की से भी मुलाकात की और अब वे यूक्रेन में फिर से मिलेंगे. उन्होंने कहा, मैं कहना चाहूंगा कि ये स्वतंत्र व्यापक संबंध हैं और निश्चित रूप से जारी संघर्ष भी चर्चा का हिस्सा होगा.

    भारत हरसंभव मदद देने को तैयार
    यूक्रेन में संघर्ष के बारे में पूछे जाने पर लाल ने कहा, भारत इस जटिल मुद्दे का शांतिपूर्ण समाधान खोजने में मदद के लिए हरसंभव सहायता और योगदान देने को तैयार है. साथ ही उन्होंने मोदी और जेलेंस्की के बीच वार्ता के नतीजे का पूर्वानुमान लगाने से इनकार कर दिया. लाल ने कहा, भारत ने बहुत स्पष्ट और सुसंगत रुख बनाए रखा है कि कूटनीति और बातचीत से इस संघर्ष को हल किया जा सकता है जिससे स्थायी शांति हो सकती है.

    उन्होंने कहा, इसलिए बातचीत बिल्कुल जरूरी है. स्थायी शांति सिर्फ उन विकल्पों के जरिए हासिल की जा सकती है जो दोनों पक्षों को स्वीकार्य हों और सिर्फ बातचीत से ही समाधान हो सकता है. भारत सभी हितधारकों के साथ बातचीत जारी रखे हुए है.

    कूटनीति और बातचीत की वकालत करता रहा है भारत
    लाल ने यह भी कहा कि भारत यूक्रेन संघर्ष के बातचीत के जरिए समाधान तक पहुंचने के लिए लगातार कूटनीति और बातचीत की वकालत करता रहा है. लाल ने कहा, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह युद्ध का समय नहीं है. युद्ध के मैदान में समाधान नहीं ढूंढे जा सकते. यह एक स्पष्ट और सुसंगत स्थिति है जिसे भारत ने अपनाया है और हमारा मानना ​​है कि अधिकांश देश इस दृष्टिकोण को साझा करते हैं.

    यूक्रेन के साथ भारत के संबंधों पर उन्होंने कहा कि यह संबंध निरंतर और दीर्घकालिक हैं. लाल ने कहा, यह एक ऐतिहासिक यात्रा है क्योंकि दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंध स्थापित होने के बाद 30 से ज्यादा वर्षों में यह पहली बार होगा कि कोई भारतीय प्रधानमंत्री यूक्रेन का दौरा करेगा.

    उन्होंने कहा कि मोदी-जेलेंस्की वार्ता में कृषि, बुनियादी ढांचे, फार्मास्यूटिकल्स, स्वास्थ्य और शिक्षा, रक्षा और लोगों से लोगों के संबंधों सहित भारत-यूक्रेन संबंधों के संपूर्ण आयाम पर ध्यान केंद्रित करने की उम्मीद है.

    जेलेंस्की ने पीएम मोदी यूक्रेन आने का दिया था न्योता
    मोदी ने जून में इटली के अपुलीया में जी7 शिखर सम्मेलन से इतर जेलेंस्की के साथ बातचीत की थी. बैठक में मोदी ने यूक्रेनी राष्ट्रपति को बताया कि भारत यूक्रेन संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान का समर्थन करने के लिए अपने साधनों के भीतर सब कुछ करना जारी रखेगा और शांति का रास्ता संवाद और कूटनीति के माध्यम से है. मोदी ने जेलेंस्की को यह भी बताया कि भारत यूक्रेन में संघर्ष का समाधान खोजने के लिए मानव-केंद्रित दृष्टिकोण में विश्वास करता है. बैठक में यूक्रेन के राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री मोदी को कीव आने का निमंत्रण दिया था.

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